गणिनी गुरु मा स्वस्तिभूषण माताजी अवतरण दिवस पर विशेष
परम पूजनीय भारत गौरव गणिनी आर्यिका 105 स्वस्तिभूषण माताजी का आज अवतरण दिवस है निश्चित रूप से यह स्वर्णिम क्षण है कि हम ऐसी गुरु मा के काल में जन्म लिए
उन्होने ऐसे तीर्थ की परिकल्पना को साकार रूप दिया जो एक धरोहर है जी यह पावन तीर्थ स्वस्तिधाम जहाजपुर जो एक अनमोल कृति है।
इस धरा को परम पूज्य गुरु मा इस जगत में किसी मोटिवेशनल स्पीकर से कम नहीं है उनके कथन बड़ा ही महत्व है सभी के जीवन को एक ऊर्जा प्रदान करते हैं साथ ही माता जी के द्वारा दिए गए उद्बोधन से निकॉन का कल्याण हुआ है। 
विद्याभूषण आचार्य श्री 108 सन्मति सागर महाराज ने जब इन्हें दीक्षा दी तो नाम भी स्वस्ति भूषण रखा जो आज भी नाम की सार्थकता को सिद्ध कर रहा है जी हां स्वस्ति का अर्थ मंगलकारी होता है और उनकी वाणी सभी का मंगल कर रही है। 
धन्य भाग्य हैं माँ पुष्पा के, जो तुमको जाया ।
मोतीलाल जी पिता ने एक, अनमोल रत्न पाया । ।
1 नवम्बर सन उनहत्तर, का दिन जब आया ।
गुड्डी की किलकार सुनी तो, नभ भी मुस्काया ।।
देव – शास्त्र – गुरुओं को तुमने, बचपन से ध्याया ।
लौकिक व आध्यात्मिक शिक्षा, सबका रस पाया ।।
56 वर्ष की मंगल यात्रा, जिनधर्म का ध्वज है फहराया।
संगीता से स्वस्ति बनी, सन्मति – ज्ञान भाया ।।
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शास्त्रों का लेखन – पाठन, प्रभु भजनों को गाया।
तीर्थों का संवर्धन कर, क्षेत्रों को बनवाया ।।
शुभकामना है हिय से निकली, दिन पावन आया।
गणिनी श्री का अवतरण दिवस, आज है सबने मनाया ||
संकलन अभिषेक जैन लुहाड़िया रामगंजमंडी 9929747312






