अध्यात्म योगी चर्या शिरोमणि आचार्य विशुद्ध सागर जी काव्य रचना
अध्यात्म योगी चर्या शिरोमणि आचार्य विशुद्ध सागर जी काव्य रचना चर्या इतनी शुद्ध है, विराग ने विशुद्ध बना दिया। राजेन्द्र ने दीक्षा लेकर, मुनि नाम सार्थक किया।।1। बचपन में ही दिखा दिया, दिगम्बरत्व को जीना है। ब्रह्मचर्य अवस्था में नग्न होकर वीतरागी पथ पर चलना है ।।2।। समता भाव से उपसर्ग सह रहे, सर्प आते […]
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