श्रुतज्ञान केवली बनाती है “माँ जिनवाणी”पट्ट गणिनी आर्यिका विज्ञमति माताजी

धर्म

श्रुतज्ञान केवली बनाती है “माँ जिनवाणी”पट्ट गणिनी आर्यिका विज्ञमति माताजी
एटा
गणधर वलय स्रोत सेमिनार के अंतिम दिवस पर माँ विशुद्धमती सभागार ग्रीन गार्डन में गणिनी गुरु मां विशुद्ध मति माताजी के पावन आशीर्वाद से प्रज्ञा पद्मिनी पट्ट गणिनी आर्यिका 105 श्री विज्ञमती माताजी ने अब तक पढ़ाये ग्यारह काव्यों को दोहराकर ऋद्धि मंत्रों का शुद्ध उच्चारण करना सिखाया संबंधित प्रश्न पूछे , उन्होंने अपने उद्बोधन के माध्यम से बताया कि गुरु चरणों में बैठकर भी जो लोभ में आ जाते हैं उनके दुर्विचार उन्हें शोधार्थी नहीं बनने देते, देने वाले को देव और लेने वाले को राक्षस की संज्ञा दी गयी है, सरसों के दाने के बराबर किया पाप तुम्हें छप्पर फाड़कर दुख देगा,

 

सेमिनार में सीखने के माध्यम से जो शिविरार्थी बैठे वह जुट गए सीखने में ,आध्यात्मिक शिक्षण एक दिन आपको महाविज्ञानी बनाएगा, गुरु कठोर होता है गढ़ देता है गढ़ने की कला सीखें, अपना ज्ञान बढ़ाना है तो हीरे जैसे बने रहें” बड़े बड़ाई ना करें बड़े ना बोले रहिमन हीरा कब कहै लाख टका मेरा मोल” , जौहरी के हाथ में कांच पहुंच जाए तो वह किनारे रख देता है पारखी है परख लेता है कि यह हीरा नहीं है! ,

 

जो मुक्ति के मार्ग को उद्घाटित करते हैं वे अरिहंत होते हैं सिद्ध नहीं ,जो महान होता है वही योग्य बनाता है !जो क्षुद्र होता है वह क्षुद्रता ही देता है कीचड़ के पीछे मत भागना धर्म होगा तो धन आपके पीछे भागेगा, प्रभु की भक्ति और ऋद्धिधारी मुनियों की श्रद्धा पूर्वक भक्ति चक्रवर्ती से भी बड़ा वैभव प्राप्त करा देती है सनत कुमार चक्रवर्ती की 96 हजार रानियां थी उन्होंने घोर तप के माध्यम से सर्वांग सौंदर्य को प्राप्त किया ध्यान रखना वह तप की वृत्तियां में लगे रहते हैं इसलिए उनकी सौंदर्य ताजी है और तुम अपने रूप को सौंदर्य को सजाने संवारने में लगे रहते हो इसीलिए तुम्हारा सौंदर्य बासी है, शिक्षा शब्दों की नहीं परिणामों की होती है ,ऊंचे उठना ही है तो नींव को छोड़कर कभी ऊंचे मत उठना, आकाश झुकता हुआ प्रतीत होता है लेकिन जैसे-जैसे हम उसके निकट जाते हैं बहुत ऊंचाई को प्राप्त होता है,तीर्थंकर चक्रवर्ती के पुत्र बनने का सौभाग्य मिले ऐसी भावना भायें !जो मान कषाय के दंश से पीड़ित होते हैं जरा सी लक्ष्मी मिल जाने पर चाल ढाल बदल जाती है !जब बच्चे पढ़ लिख जाते हैं तो मां-बाप को अनपढ़ समझते हैं ,जिनवाणी मां का जीवन में विनयाचार शब्दाचार और नहीं किया तो हमने कुछ भी नहीं सीखा यह श्रुतमाता हमें श्रुत ज्ञान केवली बनाती हैं!

 

 

 

 

सेमिनार शुभारभ से पूर्व दीप प्रज्वलन नसिया जी महिला भक्त परिवार एवं पादप्रक्षालन आदिनाथ महिला मंडल ,शास्त्र भेंट महिला मंडल पुरानी बस्ती द्वारा किया गया , बंपर पुरस्कार की विजेता कु० टिया जैन को शोभा जैन सौरभ जैन गुड्डा द्वारा पुरस्कार प्रदान किया गया!श्रीमती सीमा जैन सुनील जैन डॉक्टर कौशिक जैन सोनल जैन को विशुद्ध भक्त परिवार द्वारा सम्मानित किया! गया, इस अवसर पर श्रीमान योगेश जैन पंचायत अध्यक्ष ,नरेंद्र जैन कार्यवाहक अध्यक्ष, पंकज जैन मंत्री, आनंद ज्वेलर्स, नितिन ज्वेलर्स, प्रदीप गुड्डू,मंत्री, निर्मल ज्वैलर्स,विमल जैन, गजेन्द्र जैन,अनिल ज्वैलर्स, राजकुमार जैन जितेंद्र जैन ,गौरव ठाकुर, उमेश जैन, डॉ शैलेंद्र जैन,डा० रूपा जैन, मनोज एडवोकेट, श्रीमती बबिता जैन प्रेरणा, अनीता जैन,अंबुज जैन, पूजा जैन, उर्मिला जैन,संध्या जैन ,संगीता जैन वर्षा जैन, सुनीता जैन, श्रुति जैन, रजनी जैन, शोभा जैन चिंकी जैन, आशा जैन, सरोज जैन रजनी जैन, राजमती जैन, शोभा जैन सोनाली जैन ,परी जैन, संजना जैन, बबली जैन ,आयुष जैन आदि सभी ने उपस्थित रहकर गुरु माँ से आशीर्वाद प्राप्त किया सुरक्षा व्यवस्था श्री दिगंबर जैन वीर मंडल द्वारा की गई !

 

 

 

 

मीडियाप्रभारी सुनील जैन बांदा ने बताया कल दिनांक 8 अगस्त दिन गुरुवार को दोपहर 1:30 बजे से गणधर वलय स्रोत की परीक्षा होगी जिसमें तीन परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं क्रमशः पुरानी बस्ती स्थित बड़ा जैन मंदिर में पुरुष वर्ग,श्री नेमिनाथ जिनालय में बालिका वर्ग एवं ग्रीन गार्डन स्थित मां विशुद्धमती सभागार में महिलायें परीक्षा दे सकेगी,उन्होंने सभी शिविरार्थियों से दोपहर 1:00 बजे अपने निर्धारित गणवेश में सभी से परीक्षा केन्द्र पहुंचने का आह्वान किया है!
बबीता जैन एटा से प्राप्त जानकारी के साथ अभिषेक जैन लुहाड़िया रामगंजमंडी की रिपोर्ट 9929747312

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