श्री लब्धिसार शिक्षण शिविर समापन की और एक अभुतपूर्व प्रयास

धर्म

श्री लब्धिसार शिक्षण शिविर समापन की और एक अभुतपूर्व प्रयास
इन्दौर।
श्री लब्धिसार शिक्षण शिविर दिनांक 25.05.2024 से 02.06.2024 9 दिवसीय मोदी जी की नसिया बड़ा गणपति इन्दौर पर आयोजित किया गया है। इस शिविर में 172 शिविरार्थी इन्दौर से बाहर से आये है एवं कुल 400 शिवरार्थी धर्म लाभ ले रहे है। भारत वर्ष के लगभग सभी राज्यों से शिविरार्थी आये है। इसमें दुरस्थ कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात, उ.प्र., दिल्ली, आदि प्रदेश के शिविरार्थी शामिल है।

 

 

शिविरार्थियों का आनलाईन पंजीयन लगभग 2 माह पूर्व किया गया था। जिसकी लिक 27 मार्च 2024 को खुली थी। इसमें से चुनिंदा लोगो को आमंत्रित किया गया है।
इसके पूर्व भी विगत 7 वर्षों में 9 शिविर आयोजित किये जा चुके है। पूर्व में श्री गोम्मटसार जीव काण्ड एवं कर्मकाण्ड के 8 शिविर आयोजित हुए है। इसी अनुक्रम में यह 9 वां शिविर है। श्री गोम्मटसार एवं श्री लब्धिसार अत्यंत ही गम्भीर एवं बहुत ही कठिन ग्रंथ है। जिसमे बहुत अधिक गणित विषय शामिल है। जिनका स्वाध्याय आम श्रावक कर ही नहीं सकते है।

 

 

 

 

 

 

 

करूणाणुयोग के ये ग्रंथ समझने मे अत्यंत कठिन है लेकिन आ. विकासजी छाबड़ा एवं श्रीमती सारिकाजी छाबड़ा ने प्रयास एवं श्रम कर इन ग्रथो को भी सामान्य श्रावको के लिये अत्यंत सहज भाषा में उपलब्ध कराया है। शिविर की प्रमुख विशेषता यह है कि कोई औपचारिकता नही होती है। कोई चित्र अनावरण द्वीप प्रज्वलन व्यवसायिक मंगलाचरण आदि नही होता है। 7:30 प्रातः एवं संध्या नियत समय पर कक्षा बिना किसी औपचारिकता के ग्रंथ का मंगलाचरण के साथ आरम्भ हो जाती है।
तीन समय चलने वाली कक्षाओं का समय प्रातः 7:30 से 9:30 दोपहर 3 से 5 एवं संध्या / रात्रि 7:30 से 9:30 है। 44 डिग्री तापमान के बाद भी पढ़ने पढ़ाने वालो में उत्साह की कोई कमी नही है। स्थानीय एवं बाहरी लगभग 400 से अधिक श्रावक इन शिविरो में लाभ ले रहे है एवं इसमें वरिष्ठ नागरिक एवं युवा दोनो है शिविरार्थियों में ब्रह्मचारी भैया एवं दीदीयाँ भी शामिल हैं। सभी आगन्तुकों के लिये रहने एवं खाने की व्यवस्था निःशुल्क कमेटी द्वारा की गई है सभी शिवरार्थियो को ग्रंथ, बेग, पेन पेड भी दिया गया है। रहने के स्थान से शिविर स्थल तक आने जाने के लिये वाहन सुविधा निःशुल्क उपलब्ध है।

 

 

कम्युटर युग के हिसाब से सभी कक्षाएँ बड़े स्क्रीन के माध्यम से होती है। प्रोजेक्टर एवं पॉवर पांईट प्रजेन्टेशन की सहायता से पुरी जानकारी व ग्रंथ, स्क्रीन पर उपलब्ध रहता है। बिना किसी के सम्मान, नाम, स्वागत के होने वाले यह शिविर अकल्पनीय लगते है। दान के लिये कोई आग्रह नही होता है। धन्य है वे आत्माऐं जो इस दुषम पंचमकाल में भी इतनी सहजता से यह सब धर्म के लिये उपलब्ध करा रहे है।

 

 

श्री लब्धिसार शिविर में इस बार 2 अधिकार प्रथमोपशम सम्यकत्व एवं क्षायिक सम्यकत्व की 167 गाथाओ को लिया गया है। इस प्रकार के शिविर और भविष्य में भी होगे छाबड़ा परिवार के आ. विमलचन्द जी छाबड़ा श्री विकास सारिका जी छाबड़ा, श्री प्रकाश पूजा जी छाबड़ा का उपकार समाज व श्रावक कभी नहीं भूल पायेगें।
इस पूरे शिविर को संचालित करने के लिये बहुत बड़ी टीम लगी है लेकिन धन्य है लोग जो नाम की मान कषाय से ग्रस्त नही है एवं सामने ही नही आते है एवं पुरे समय वे सेवाऐं प्रदान कर रहे है।
ग्रंथ राज को सारिणी जीवन्त चित्रों रेखाचित्रों एवं तालिकाओं के माध्यम से प्रस्तुत किया गया है जो समझने में आसान हो गया है। पुस्तक रंगीन पृष्ठों पर प्रकाशित कर सभी को प्रदान की गई है। दिनांक 02.06.2024 को शिविर का समापन होगा। जिज्ञासुओं
की शंका का समाधान भी तत्काल किया जाता है।
टी.के. वेद इन्दौर से प्राप्त जानकारी संकलन अभिषेक जैन लुहाड़िया रामगंजमंडी 9929747312

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