आध्यात्मिक संत शिरोमणि पंचम पट्टाधीश आचार्य श्री वर्धमान सागर जी का 19 वर्षो बाद होगा भव्य मंगल प्रवेश
सलूंबर
आर्यिका श्री वत्सल मति आर्यिका श्री विलोक मति आर्यिका श्री मुदित मति सहित 12 से अधिक साधुओं की जन्म नगरी ऐतिहासिक वीर भूमि सलूंबर में वर्षो की प्रतीक्षा के बाद वात्सल्य वारिघि पंचम पट्टाधीश आचार्य श्री वर्धमान सागर जी का भव्य मंगल प्रवेश होगा ।
ब्रह्मचारी गजू भैय्या, हुकमी चन्द ,राजेश पंचोलिया अनुसार आचार्य श्री वर्धमान सागर जी महाराज का दिसंबर 2004 के बाद 18 दिसंबर 2023 मंगल प्रवेश तीसरी बार हो रहा है इसके पूर्व वर्ष 1997 में आचार्य श्री का मंगल प्रवेश 19 जून 1997 को हुआ था तब आपका आचार्य पदारोहण वर्ष मनाने का सौभाग्य सलूंबर को प्राप्त हुआ था ।

इसके बाद 30 जून 2004 को मंगल वर्षा योग हेतु आचार्य श्री वर्धमान सागर जी ने सलूंबर संघ सहित मंगल प्रवेश किया तथा 4 दिसंबर 2004 को मंगल विहार किया था 18 दिसंबर 2023 को आचार्य श्री वर्धमान सागर जी, मुनि श्री चिन्मय सागर जी, श्री मुनि श्री हितेंद्र सागर जी, मुनि श्री प्रशम सागर जी, मुनि श्री प्रभव सागर जी, मुनि श्री चिंतन सागर जी मुनि ,मुनि श्री प्रबुद्ध सागर जी ,मुनि श्री मुमुक्षु सागर जी आर्यिकाश्री शुभमति जी ,आ श्री शीतल मती जी ,आ श्री चैत्य मती जी, आ श्री वत्सल मति जी, आ श्री विलोक मति जी, आ श्री दिव्यांशु मति जी, आ श्री पूर्णिमा मति जी, आ श्री मुदित मति जी, आ श्री विचक्षण मति जी, आ श्री समर्पित मति जी, आ श्री निर्मुक्त मति जी ,आ श्री विनम्र मति जी, आ श्री दर्शना मति जी,आ श्री देशना मति जी,आ श्री महायश मति जी, आ श्री देवर्धि मति जी, आ श्री प्रणत मति जी,आ श्री निर्मोह मति जी, आ श्रीपद्मयश मति जी ,आ श्री दिव्ययश मति जी , आर्यिका श्री योगी मति जी, क्षुल्लक श्री विशाल सागर जी , क्षुल्लक श्री महोदय सागर जी आचार्य श्री 7 मुनिराज,




21 माताजी तथा 2 क्षुल्लक जी कुल 31साधुओ का प्रवेश होगा।
सन 1950 में जन्मे आचार्य शिरोमणी श्री वर्धमान सागर जी की मुनि दीक्षा सन 1969 में तथा आचार्य पदारोहण वर्ष 1990 में पारसोला में हुआ था ।74 वर्षीय आचार्य श्री ने अभी तक 107 भव्य जीवो को दीक्षा दी। आपने अभी तक 60 से अधिक पंच कल्याणक एवम् सल्लेखना समाधि कराई। आपने विश्व विख्यात श्री बाहुबली भगवान का वर्ष 1993,वर्ष 2006 तथा वर्ष 2018 में महामस्तकाभिषेक तथा श्री महावीर स्वामी का 24 वर्षो बाद महामस्तकाभिषेक आपके निर्देशन एवम् सानिध्य में हुआ है। प्रथमाचार्य श्री शांति सागर जी,आचार्य श्री वीर सागर जी,आचार्य श्री शिव सागर जी,आचार्य श्री अजित सागर जी किसी का भी सलूंबर में चातुर्मास नहीं हुआ । परंपरा में एक मात्रआपका वर्षायोग वर्ष 2004 सलूंबर में हुआ।
एक दर्जन से अधिक साधुओं की जन्म नगरी सलूंबर
मुनि श्री प्रमाण सागर जी,मुनि श्री आर्जव नंदी जी,मुनि श्री अचल नंदी,मुनि श्री अचल सागर,मुनि श्री श्रूतेश सागर, मुनि श्री कीर्ति सागर, आर्यिका श्री वत्सल मति ,आ श्री विलोक मति आ श्री मुदित मति, आ श्री प्रशस्त मति,आ श्री समाधिनंदनी, आ श्री प्रसाद मति, क्षुल्लक श्री सन्मति नंदी, क्षु श्री तारण सागर ,शुल्लिका श्री शांति मतिसहित अनेक साधु इस पुण्य धरा की उपज हैं।
केसा होगा मंगल प्रवेश
प्रतिष्ठा महोत्सव समिति के अध्यक्ष प्रभु लाल जैन ,पंडित कमलेश सिंघवी नरेंद्र मिंडा ने बताया कि बांसवाड़ा रोड से आचार्य श्री संघ का मंगल आगमन दोपहर को होगा भव्य जुलूस में 11 अश्व, मिलिट्री बैंड ,तीन जैन समाज के घोष बालक बालिका बैंड ,108 मंगल कलशो से अगवानी, 108 से अधिक स्वागत द्वार, पांच बंगाली बड़े गेट तथा 108 पुण्य शाली परिवारों द्वारा आचार्य श्री का चरण प्रक्षालन किया जाएगा। स्थान स्थान पर ड्रोन कैमरे से पुष्प दृष्टि की जावेगी नगर को भव्य रंगोली के माध्यम से मनमोहन सजाया गया है।
राजेश पंचोलिया वात्सल्य भक्त परिवार से प्राप्त जानकारी
संकलन अभिषेक जैन लुहाड़िया रामगंजमंडी

