परम पूज्य मुनि चारित्र सागर गुरुदेव का 32 वा दीक्षा दिवस मनाया(अभिषेक,पूजन के बाद हुई विनयांजलि)

धर्म

परम पूज्य मुनि चारित्र सागर गुरुदेव का 32 वा दीक्षा दिवस मनाया(अभिषेक,पूजन के बाद हुई विनयांजलि)

 इंदौर 

दिगंबर जैन धर्म के सर्वोच्च आचार्य वर्धमान सागर के परम शिष्य मुनि चारित्र सागर गुरुदेव का 32 वा दीक्षा दिवस हर्षोल्लास पूर्वक मनाया। दीपक प्रधान एवं अजय पंचोलिया ने बताया कि दीक्षा दिवस के उपलक्ष्य में आदिनाथ चैत्यालय स्कीम नम्बर 71 में प्रातः 6:30 बजे मंगलाष्टक के बाद जिनेन्द्र अभिषेक हुआ। भक्तों के द्वारा बृहद शांतिधारा सम्पन्न हुई। नित्य नियम पूजन के बाद पूर्वाचार्यों को अर्घ्य समर्पित किए गए। महेंद्र जैन,निखिल जैन द्वारा आचार्य वर्धमान सागर गुरुदेव के पश्चात् मुनि चारित्र सागर गुरुदेव को विशेष द्रव्यों के द्वारा अर्घ्य समर्पित किया गया। विशाल जैन ,समीक्षा जैन एवं भक्तों के द्वारा मंगल आरती की गई।

            उपस्थित भक्तों ने मुनि चारित्र सागर गुरुदेव के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मुनि चारित्र सागर गुरुदेव को धर्म के संस्कार विरासत में ही मिले थे। मुनि श्री बचपन से ही साधु संतों की सेवा में अग्रणी थे। छोटी उम्र से ही प्रतिदिन अभिषेक,पूजन, विधान,भक्ति,प्रवचन और ध्यान करना उनकी दिनचर्या थी। गुरुदेव ने अपनी जन्मनगरी सनावद में रहकर समाज सेवा और उत्थान में अपनी अहम भूमिका का निर्वहन किया था। उन्हीं की प्रेरणा से नगर के अनेकों युवाओं ने संयम मार्ग को अंगीकार करते हुए आत्म कल्याण किया है।

           कर्नाटक प्रांत के श्रवण बेलगोला में *आचार्य श्री वर्धमान सागर गुरुदेव से सीधे मुनि दीक्षा प्राप्त कर* जैनधर्म की अभूतपूर्व प्रभावना की।

           आज उनके 32 वे दीक्षा दिवस पर पूरा देश उनके चरणों में वंदन,नमन करते हुए नतमस्तक हो गया है।

          संकलन अभिषेक जैन लुहाड़िया रामगंजमंडी 9929747312

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