अन्तर्मना उवाच मातृ दिवस वशेष

धर्म

अन्तर्मना उवाच मातृ दिवस विशेष 

*नौ घन्टे–पाँच किलो का पत्थर, पेट पर बाँध कर रखो तो पता चल जायेगा ” माँ ” क्या होती है।*
🔸 माँ–का मिलना भाग्य है।
🔸 सुशिक्षित माँ का मिलना सौभाग्य है।
🔸 सुसंस्कारित माँ का मिलना अहो भाग्य है।
🔸 शोभा माँ और पन्ना माँ जैसी माँ का मिलना महा सौभाग्य है।

 

 

 

*ध्यान रखना!* जन्म दाता माँ-बाप तो कुत्ते के पिल्ले और गधे के बच्चों को भी मिल जाते हैं। लेकिन *सुसंस्कार दाता माँ-बाप तो किसी ख़ुशनसीब औलाद को ही मिलते हैं।*

 

 

 

इसलिए माँ आदि गुरू है क्योंकि वह अपनी औलाद को संस्कार दीक्षा देती है। अगर *बेटा शराबी–कबाबी, चोर–उचक्का है तो इसके लिए 50 प्रतिशत फीसदी दोषी माँ-बाप है।* क्योंकि उन्होंने संस्कार नहीं दिये। *संसार का सबसे खुबसूरत शब्द है — माँ।* संसार के हिन्दी शब्द कोश में सबसे वजनदार शब्द है — माँ। *माँ — ममता की गीता है, प्रेम की बाइबल है, समता की कुरान,, और सभी धर्मो का सार है – माँ।* माँ–से ही तुतलाती बोली शुरू होती है और माँ ही पीड़ा का पहला शब्द होता है। *माँ राहत की साँस है, चाहत की आस है और अखण्ड विश्वास है।*

 

 

 

 

*मैं देश की माँ और बहनों से निवेदन कर रहा हूँ –‌ कि वे परिवार को सम्पन्न बनाने के लिए लक्ष्मी का रूप धारण करें। सन्तान को शिक्षित करने के लिए सरस्वती बनकर दिखायें,, और सामाजिक बुराइयों को ध्वस्त करने के लिए, सिंह पर आरूढ़़ दुर्गा की भूमिका निभायें…!!!*

 

 

चाहतों की – तुम सब किताब फाड़कर देना,
सिर्फ एक वो कागज की कापी जिस पर शब्द माँ लिखा हो..
बस आज मदर्स डे मनाना सफल और सार्थक हो जायेगा…!!! नरेंद्र अजमेरा पियुष कासलीवाल औरंगाबाद से प्राप्त जानकारी संकलन अभिषेक जैन लुहाड़िया रामगंजमंडी 9929747312

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