णमोकार मंत्र रुपी कार से आप धर्म रूपी हाईवे पर सुरक्षित जीवन चला सकते हैंआचार्य श्री वर्धमान सागर जी
टोंक सारा जगत कर्मों के कारण रोगी होकर दुःखी है। राग द्वेष कार्यों और परिणाम के कारण आत्मा पर कर्मों का आश्रव होता है, असाता कर्म के उदय से कर्म रूपी रोग आते हैं , इस कारण आपदा ओर कष्ट आते हैं जब शरीर मानसिक ओर शारीरिक रोगी होता है तब आप धार्मिक और श्रेष्ठ कार्य नहीं कर पाते हैं। आपका शरीर व्यसन और फैशन खान-पान के कारण रोगी बना है। यह मंगल धर्म देशना पंचम पट्टाधीश वात्सल्य वारिधी आचार्य श्री वर्धमान सागर जी महाराज ने धर्म नगर टोंक की धर्म सभा में प्रकट की राजेश पंचोलिया के अनुसार आचार्य श्री ने आगे बताया कि गुटका पान की पिक से जब भूमि गंदी हो जाती है तो आपका शरीर भी कितना गंदा रहता है। आप अपनी आदतों के कारण रोगी है। भौतिक जीवन में सरकार ने राज्य स्तरीय और राष्ट्रीय स्तरीय स्तरीय हाईवे 2 लाइन 4 लाइन 6 लाइन 8 लाइन बनाए हैं जिसे आपकी दुर्घटना रहित यात्रा हो सके भगवान ने आपदा कष्ट ओर रोग से मुक्ति के उपाय बताए है। तीर्थंकर भगवान ने जीवन की यात्रा चलाने के लिए णमोकार मंत्र रुपी कार दी है जिससे आप धर्म रूपी रत्नत्रय हाईवे पर सुरक्षित चल सकते हैं। कर्मों के कारण आपका आपकी आत्मा मालिन हो रही है तप, त्याग ,संयम धार्मिक कार्यों से आप आत्मा पर लगे कर्मों को दूर करने का पुरुषार्थ कर सकते हैं। आचार्य श्री के प्रवचन के पूर्व आर्यिका श्री देवर्धी मति माताजी ने प्रवचन में बताया कि जैन संस्कृति का विकास और उत्थान केवल ज्ञान रूपी प्रकाश से हुआ है प्रथमाचार्य श्री शांति सागर जी महाराज की मुनि चर्या चतुर्थ कालीन आदर्श रही है। आपने आचार्य वर्धमान सागर जी के बारे में बताया कि आपकी 19 वर्ष की उम्र में दीक्षा के चार माह बाद नेत्र ज्योति चली गई थी तब आपने शांति भक्ति का पाठ कर प्रभु की भक्ति से बिना डाक्टरी इलाज के नेत्र ज्योति प्राप्त की।प्रभु ओर गुरु की भक्ति से कर्मो की निर्जरा होती हैं।

समाज के धर्म प्रचारक प्रवक्ता पवन कंटान एवं विकास जागीरदार अनुसार धर्म सभा में श्रीजी और पूर्वाचार्य का चित्र का अनावरण दीप प्रज्वलन जैन सोशल ग्रुप द्वारा किया जाकर आचार्य श्री के चरण प्रक्षालन कर जिनवाणी भेंट की इस मौके पर झाड़ोल से पधारे कलाकार भाई गोरधन के भक्तिमय भजनों पर बड़े भक्ति भाव से भक्ति नृत्य करते हुए श्रद्धालुओं अष्टद्रव्य समर्पित किया ।एवं सुनील सर्राफ ने पूजन व्यवस्था में सहयोग किया। इस मौके पर आचार्य वर्धमान सागर जी महाराज ने सभी श्रावकों को बाहर का खाना व पीना का त्याग देकर नियम दिलाया । आचार्य श्री संघ के आहार के चौके लगाने के लिए बाहर के नगरों से काफी भक्त पधार रहे हैं टोंक सहित इंदौर पारसोला निवाई के चौके लगे हैं, पारसोला के ऋषभ कुमार, मयूर कुमार पचोरी परिवार को आज आचार्य श्री का आहार कराने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।

समाज के मीडिया प्रकोष्ठ मंत्री रमेश काला एवं विमल जोला में बताया कि27 जुलाई 2025 को होने वाली शांति समागम राष्ट्रीय पत्रकार संगोष्ठी की तैयारियां जोर-शोर से चल रही है।जिसमें देश के सभी पत्रकार आयेंगे। जिसमें पत्रकारों का सामाजिक समरसता में चारित्र चक्रवर्ती का योगदान, प्रथमाचार्य और उनके जीवन मूल्यों की वर्तमान में प्रासंगिता, प्रथमाचार्य श्री शांति सागर जी महाराज का जैन दर्शन को अवदान आदि विषयों पर संगोष्ठी होगी। तत्पश्चात अतिथियों का स्वागत सम्मान होगा एवं वात्सल्य भोज होगा ।आज अनेक नगरों से श्रद्धालु दर्शन हेतु पधारे जिसमें जयपुर, सनावद, पारसोला, निवाई, इंदौर के श्रद्धालुओं की दिनभर भीड़ रही
आचार्य शांतिसागर शताब्दी महोत्सव के अंतर्गत पारस, गंभीरमल, सुरेश मलारना परिवार, पदमचंद, धनपाल, महिपाल आंडरा परिवार, चेतन कुमार, जीवेंद्र कुमार, नवीन कुमार आंडरा परिवार, मदन लाल, अमित कुमार दाखिया परिवार, संत कुमार जैन टोडारायसिंह ने कलश स्थापित किए।
इस मौके पर मीडिया प्रकोष्ठ रमेश काला कमल सर्राफ, नीटू छामुनिया, पंकज फूलेता, ओम ककोड़, एंजे दाखिया, जैन सोशल गु्रप टोंक के अध्यक्ष अशोक काला, मंत्री विक्रम जैन एडवोकेट, कोषाध्यक्ष ज्ञान चन्द जैन बन्थली, रमेश काला, रमेश सोनी, ताराचन्द बडजात्या, प्रकाश सेठी, अशोक कासलीवाल, दिनेश लुहाडिया, पंकज छाबडा, अजय सोगानी, दिनेश कासलीवाल, महेश बिलासपुरिया, विकास सूंथडा, विनित जैन, जिनेन्द्र जैन, महेन्द्र पाटनी, मनीष जैन धूंवा के अतिरिक्त महिलाओं में सुमन काला, मैना बडजात्या, बीना जैन, निलम, खुश्बु, नैना जैन, लक्ष्मी जैन, संगीता, सुनिता सेठी, पुष्पा लुहाडिया, मंजुषा, तारा, पिंकी, सरीता, मधु, निर्मेश कासललीवाल उपस्थित थे । राजेश पंचोलिया इंदौर से प्राप्त जानकारी संकलन अभिषेक जैन लुहाड़िया रामगंजमंडी 9929747312

