कालानुक्रमिक गणना की प्राचीन पद्धति वीर निर्वाण सम्वत* संजय जैन बड़जात्या कामां
वीर निर्वाण संवत (युग) एक कैलेंडर युग है जिसकी शुरुआत ५२७ ई॰पू॰ से हुई थी। यह २४ वें तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी के निर्वाण का स्मरण करता है। यह कालानुक्रमिक गणना की सबसे पुरानी व प्राचीन प्रणाली में से एक है जो अभी भी






भारत में उपयोग की जाती है।[1]












जैन धर्म की प्राचीनता को इंगित करता है वीर निर्वाण सम्वत तो वही आज 1 नवम्बर से 2551 वें वीर निर्वाण सम्वत का प्रारम्भ हो रहा है।
विक्रम संवत, ईसाई कैलेंडर से 57 साल आगे है अर्थात 2081. वहीं, शक संवत, ईसाई कैलेंडर से 78 साल पीछे है अर्थात 1946 चल रहा है वही ईसाई (ग्रेगोरियन) कैलेंडर सम्वत 2024 ही चल रहा है अन्य संवत तो और भी पीछे निर्मित है। मुस्लिम हिजरी सम्वत तो 1435 वर्ष पूर्व ही निर्मित है।
यह सब विवेचन इस बात को प्रमुखता के साथ सिद्ध करते हैं कि जैन पद्धति व गणना अन्य सभी से प्राचीन है। कालानुक्रमिक गणना में जैन वीर निर्वाण सम्वत अति प्राचीन है। इसी दिवस से, पूर्व में व्यापारियों द्वारा नववर्ष मानकर अपने बहीखाते में परिवर्तन किया जाता था अर्थात नूतन बहीखाते प्रारम्भ किये जाते थे।
जैन धर्मानुसार नूतन वर्ष की आप सभी को बहुत बहुत शुभकामनाएं/बधाई।
संजय जैन बड़जात्या कामां से प्राप्त आलेख
संकलन अभिषेक जैन लुहाड़िया रामगंजमंडी 9929747312

