निर्यापक श्रमण संभवसाग़र महाराज का दीक्षा महोत्सव भक्ति भाव से मनाया गया

धर्म

निर्यापक श्रमण संभवसाग़र महाराज का दीक्षा महोत्सव भक्ति भाव से मनाया गया


खुरई
विश्व वन्दनीय आचार्य श्री विद्यासाग़र महाराज के परम प्रभावक शिष्य निर्यापक श्रमण संभवसाग़र महाराज का दीक्षा महोत्सव भक्तिभाव के साथ मनाया गया।जानकारी देते हुए अशोक शाकाहार ने बताया की पूज्य मुनि श्री के दीक्षा दिवस पर श्रद्धा आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। सर्वप्रथम पूज्य मुनि श्री संभवसागर महाराज के सानिध्य में बैलगाड़ी वाले बड़े बाबा के अतिशय क्षेत्र नवीन जैन मंदिर में हुआ महामस्तकाभिषेक संपन्न हुआ। अभिषेक क्रिया के सम्पन्ता केबाद पूज्य मुनि श्री भव्य शोभायात्रा के साथ प्राचीन जिनमंदिर लाया गया। जगह जगह आकषर्क रंगोली बनी हुई थी।सभी ने मार्ग में चरण पखार कर मंगल आरती कर मुनि श्री से आशीष ग्रहण की इसके बाद समस्त मुनि संघ ने प्राचीन जिनमंदिर में पूज्य मुनि श्री की तीन प्रदक्षिणा कर मंगल आशीष लिया। इस भक्तिमय बेला में समस्त भक्तजनों ने भी निर्यापक श्रमण की तीन प्रदक्षिणा कर मंगल आशीष लिया। इन भाव भीनी पलो में निर्यापक श्रमण संभव सागर महाराज का पद प्रक्षालन श्रावकों का द्वारा किया गया। इन पलो में खुरई महिलामण्डल व रामगंजमडी से सुलोचना लुहाडिया भी भक्ति भाव से ओत प्रोत रही।

इस मांगलिक बेला में एक और कीर्तिमान औऱ जुड़ गया जब मातृ दिवस की बेला में मुनि श्री की ग्रहस्थ अवस्था की मातु श्री श्रीमति चमेली बाई ने मुनि श्री का आशीष लिया। यह पल सभी को भाव विभोर कर गए। इस पुनीत बेला में आचार्य श्री का पूजन व मुनि श्री का पूजन किया गया।

वही इस अभूतपूर्व बेला में पूज्य मुनि श्री ने उदबोधन में गुरु का गुणानुवाद किया। भाव विहल शब्दों में कहा यह पहला अवसर है की दीक्षा दिवस गुरु के सानिध्य में न होकर खुरई में मनाया जा रहा है। आचार्य श्री ने सदा आशीष की वर्षा की है। मैं यहां हूं मन वचन गुरु चरणों मे है।
अभिषेक जैन लुहाडीया रामगंजमडी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *