पचास वर्ष से अधिक युगल का हुआ सेमिनार एवम किया गया सम्मान आचार्य श्री की विशेष पूजन थाल सजाकर किया गया पूजन
रामगंजमंडी
परम पूज्य आचार्य श्री विनिश्चय सागर महाराज सानिध्य में जिनके विवाह को 50 वर्ष हो गए उन युगल दंपति का सेमिनार आयोजित हुआ यह आयोजन अपने आप में अलौकिक था।
आयोजन की शुरुआत में सर्वप्रथम म्यारा लुहाड़िया एवं ऐश्वी लुहाड़िया ने मंगलाचरण की प्रस्तुति दी आयोजन के क्रम में आचार्य श्री के चरणों के पद प्रक्षालन का सौभाग्य कमल कुमार रजत लुहाड़िया परिवार को प्राप्त हुआ शास्त्र भेंट करने का सौभाग्य सुनील अमिता सुरलाया परिवार को प्राप्त हुआ।
हुआ भव्य अलौकिक पूजन
इस अवसर पर अष्ट द्रव्य के विशेष थाल सजाए गए जो बहुत ही अलौकिक थे साथ ही भक्ति में झूमते हुए सभी भक्तों ने आचार्य श्री 108 विनिश्चय सागर महाराज का पूजन किया गया इस बेला में मंदिर का वातावरण भक्ति से ओत प्रोत था। द्रव्य के थाल बहुत ही आकर्षक भव्य थे जो आकर्षण का केंद्र बिंदु रहे।
इस अवसर पर अखिल भारतीय विनिश्चय ग्रुप द्वारा आयोजित कार्यक्रम सभी 50 वर्ष से अधिक विवाह युगल दंपती का सम्मान किया गया एवम उन्हें प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया सभी ने अनुभव साझा किए और आचार्य श्री के सानिध्य को भी धन्य माना दंपति ने कहा कि परिवार में नोंक झोक हो जाती है फिर हम सभल जाते हैं हमने सभी तीर्थ यात्रा पूर्ण की ओर परिवार में सब कुछ अच्छा है। गुरुदेव आपके द्वारा बताई गई बातों को भी हम अनुसरण करते हैं और अपने जीवन में उतारते है। साथ ही सभी को माला पगड़ी एवम प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया साथ ही सभी ने अपनी जीवन के सुखद और धार्मिक जीवन के अनुभव सांझा किए जो अपने आप में प्रेरणादायक थे इस आयोजन के प्रेरणा स्रोत परम पूज्य मुनि श्री 108प्रांजल सागर महाराज रहें। कार्यक्रम का कुशल संचालन सयानी विनायका एवम अदिति काला ने किया। इस अवसर पर समस्त अखिल भारतीय विनिश्चय ग्रुप के सदस्यों का भी सम्मान किया एवम उन्हें प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया।
पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव की पत्रिका का भी विमोचन किया गया
दिनांक 8 नवंबर से होने जा रहे पंच कल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव की पत्रिका का भी विमोचन इस अवसर पर किया गया। कार्यक्रम में सभी सहयोग देने वालों का भी विशेष रुप से सम्मान किया गया।
दंपत्ति जीवन को यदि 50 वर्ष पूर्ण को गए हैं तो मोक्ष मार्ग की और बढ़े आचार्य श्री
परम पूज्य आचार्य श्री 108 विनिश्चय सागर महाराज ने मंगल प्रवचन देते हुए कहा कि किसी के शादी के 50 ब पूर्ण हो गए। जीवन का आनंद है कि नोक झोक प्यार-व और धार्मिकता के साथ जिया जा रहा है। जीवन में झगड़ा और प्रेम जरुरी है। झगड़ा और प्रेम दोनों जरुरी है प्रेम का मतलब होता है कि एक दूसरे का ध्यान रखना मन से ध्यान रखना होता है। यह तब होता है जब समर्पण की भावना होती है और एक दूसरे के कल्याण के मार्ग की भावना होती है।
उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि शादी के 50 वर्ष पूर्ण हो गए हैं तो धर्म ध्यान का लक्ष्य होना चाहिए। यदि यह हो चुके हैं तो आप जीवन के अंतिम पड़ाव पर हैं। समझ लेना चाहिए यदि 50 वर्ष पूर्ण हो गए हैं अच्छे से तो दोनों को एक साथ मोक्ष मार्ग पर जाना चाहिए यह बहुत अच्छा होगा। आचार्य श्री विरागसागर महाराज का उदाहरण देते देते हुए कहा कि आचार्य श्री जब भी दीक्षाएं देते थे तो एक जोड़ा दंपति होता था। यदि आप सभी चीजों में एक साथ रहे तो मोक्ष मार्ग में भी एक साथ रहें।
इनका विशेष सहयोग रहा
इस आयोजन में नितिन सबदरा, शुभम जैन, स्वाती बागड़िया, रिदम चेलावत सयानी विनायका अदिति काला आदि का रहा।
अभिषेक जैन लुहाड़िया रामगंजमंडी की रिपोर्ट 9929747312








