आचार्य श्री विद्यासागर महाराज कलयुग में गोपाल की भूमिका निभा रहे हैं। दृढ़मति माताजी
गौरझामर
आचार्य श्री 108 विद्यासागर महाराज की परम शिष्या आर्यिका 105 दृढ़मति माताजी ने मंगल उद्बोधन में भगवान श्री कृष्ण के व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला।माताजी ने कहा कि द्वापर युग में श्री कृष्णा अपनी सुनाई थी और धर्म की रक्षा के लिए जाने जाते थे। गोपाल मुरली धर की पहचान गायों से ही थी। आज हर एक फोटो में श्रीकृष्ण गायों के साथ ही मिलते हैं।
माताजी ने आचार्य गुरुवर विद्यासागर महाराज को कलयुग के गोपाल कहते हुए कहा कि आचार्य श्री के द्वारा विगत 32 सालों से भारतवर्ष में गौ माता की रक्षा का बीड़ा उठाया है। गायों के संवर्धन के लिए उन्होंने विद्यासागर नवोदय संघ की स्थापना की है। गुरु के आशीर्वाद से वर्तमान में देश में 128 गौशालाएं संचालित हो रही हैं। आगे बोलते हुए माताजी ने कहा कि जीव रक्षा ही सबसे बड़ा धर्म है हमें भी श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर गौशाला जाकर गायों की सेवा करनी चाहिए।



समाज की ओर से दीपक चौधरी ने भी भगवान श्री कृष्ण के विषय में प्रकाश डालते हुए कहा कि श्री कृष्ण ने अपने जीवन में हमेशा सत्य का साथ दिया द्रौपदी को आई मुसीबत में श्री कृष्ण ने ही आकर उनके शील की रक्षा की थी। हम भी श्री कृष्ण की बताई हुई धर्म नीति को याद करके और श्री कृष्ण की शिक्षाओं को ग्रहण कर इनकी जन्माष्टमी बना सकते हैं।
संकलित अभिषेक जैन लुहाड़िया रामगंजमंडी

