सच्चा सुख संतोष में है असंतोष में नहीं आर्यिका विज्ञाश्री माताजी
निवाई
श्री शांतिनाथ दिगम्बर अग्रवाल जैन मंदिर निवाई में आर्यिका श्री के पावन सानिध्य में धर्म की भव्य प्रभावना हो रही है जैन समाज के मीडिया प्रवक्ता राजाबाबू गोधा ने अवगत कराया कि आज प्रातः श्री जी के अभिषेक शांतिधारा बाद अष्टद्रव्यों से पूजा हुई कार्यक्रम में आर्यिका श्री ने अपने मंगलमय उद्बोधन में उपस्थित श्रृद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि
संसार का हर प्राणी सुख चाहता है जब कभी हम किसी सुखी व्यक्ति के विषय में विचार करते हैं तो हमारी दृष्टि में आता है कि सुखी वह है जो स्वस्थ है, जिसका शरीर निरोगी है थोड़ा आगे बढ़ते हैं तो मुझे यह लगता है कि जिसके पास धन संपत्ति है ,संपदा है, प्रतिष्ठा है, वर्चस्व है वह व्यक्ति बहुत अधिक सुखी है जिसकी अच्छी संपत्ति है अच्छे पुत्र पुत्री हैं भरा पूरा परिवार है वह सुखी है|

कभी-कभी मैं सोचती हूं जिसके परिवार में आन्तरिक सामंजस्य है वह व्यक्ति सुखी है| जिसकी अनुकूल पत्नी है जिनका एक दूसरे के प्रति व्यवहार आत्मीयता पूर्ण है,

यह व्यक्ति सुखी है ऊपर से देखने में यह सब सुखी दिखाई पड़ते हैं, लेकिन जब इनके जीवन में हम झांककर देखते हैं तो हमें ऐसा लगता है कि यह भी कहीं ना कहीं दुखी है किसी ना किसी कारण से संसार का हर प्राणी दुखी है तो आखिर सुखी कौन है ? सुखी वह नहीं जिसके पास अपार धन संपदा और बाह्य साधन है सुखी केवल वही हो सकता है जो हर समय संतुष्ट रहकर जीवन जीने की कला जानता है।
राजाबाबू गोधा जैन महासभा मीडिया प्रवक्ता राजस्थान से प्राप्त जानकारी
संकलन अभिषेक जैन लुहाडिया रामगंजमडी


 
	 
						 
						