मातृ दिवस मातृशक्ति को नमन

काव्य रचना

मातृ दिवस मातृशक्ति को नमन
ज्ञान की अतुलित रसधार बहे जहां।
प्रेरणा का भंडार, जग ने उन्हें कहा।
भारत का गौरव है, परम विदुषी है गुरु मां।
जिनवाणी की उपासक है, जैनागम की है गरिमा।
स्वस्तिधाम बनाकर दिया, विश्व को अनुपम जिनालय।
नमन है उनको जो है आस्था का सर्वोच्च हिमालय।

 

 

 

साधना की जीवंत प्रतिमूर्ति
सारी सृष्टि जिनको वंदन करती
हर पल, हर क्षण जो मुस्कुराती
आगम पर चलती आगम बात बताती
समता रस की है फुलवारी, इनको वंदन त्रिकाल हमारी
स्वस्तिधाम निर्मित कर अनुपम धरोहर दे डाली, अब कायाकल्प होने में केशवरायपाटन की बारी

 

 

 

 


जय हो स्वस्ति भूषण माता हमारी
छोटे छोटे शब्दों से बड़ा ही महत्व समझाती
मधुर प्रिय, मोन प्रिय रहकर सबको ज्ञान सिखलाती
तत्वों का चितवन करती बस सबको सच्ची राह दिखाती
हे गुरु मां तुमको कोटि कोटि नमन हमारी ।

अभिषेक जैन लुहाड़िया रामगंजमंडी 9929747312

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *