विद्याप्रमाण गुरुकुलम्” एक बड़े उद्देश्य को लेकर आगे बढ़ रही है”-मुनि श्री प्रमाण सागर*

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“विद्याप्रमाण गुरुकुलम्” एक बड़े उद्देश्य को लेकर आगे बढ़ रही है”-मुनि श्री प्रमाण सागर*

भोपाल(

संस्कार उपवन) विगत दो दिनों विद्याप्रमाण गुरुकुलम् के विस्तार के संद्रभ में “गुणायतन” एवं जैन इनफिनिटी की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला राजधानी भोपाल के “संस्कार उपवन” में आयोजित की गई जिसमें संपूर्ण भारत ही नहीं विदेशों से भी शिक्षाविद तथा गुणायतन के पदाधिकारियों एवं मुनिभक्तों ने भाग लिया प्रवक्ता अविनाश जैन विद्यावाणी ने बताया दो दिन तक लगातार चली इस बैठक के चिंतन और मंथन से जो नवनीत निकल कर आया है, वह विद्या प्रमाण गुरुकुलम के उद्देश्य में सहायक होगा।

 

 

 

संत शिरोमणि आचार्य गुरुदेव विद्यासागरजी महामुनिराज के आशीर्वाद से गुणायतन एवं भावनायोग प्रणेता मुनि श्री प्रमाण सागर महाराज ने मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से श्री विद्यासागर प्रबधकीय संस्थान के विशाल परिसर में “गुणायतन” के सहयोग से “विद्याप्रमाण गुरुकुलम्” की स्थापना एवं इसी सत्र से शुरुआत की। लगभग 1600 बच्चों में से 180 बच्चे प्रवीणता के साथ चयन किये गये और उनकी आबास एवं भोजन तथा संस्कार देने की व्यवस्था विद्याप्रमाण गुरुकुलम् में की गयी है एवं शिक्षा की जिम्मेदारी “सैज इंटरनेशनल” ने अपने कंधे पर उठाई।

 

उपरोक्त संद्रभ में मुनि श्री प्रमाण सागर महाराज ने कहा”जब कभी किसी बड़े लक्ष्य को लेकर हम चलना शुरु करते है,तो हमारे मन में ढेर सारे सवाल खड़े हो जाते है, कितनी लम्वी यात्रा है?

कैसे चलेंगे? रास्ते में क्या प्रबंध होगा? कैसै होगा? ये सवाल हमारे मन में उमड़ते घुमड़ते रहते है, और कही बार हमें उलझा भी देते है,लेकिन जब हम चलना शुरू कर देते है,तो हमें केवल हमारा लक्ष्य दिखता है बाकी सब चीजें ओझल हो जाती है”

 

 

उन्होंने कहा कि हमारे सामने केवल उद्देश्य है जिसे उपलब्धि तक पहुंचाना है “जैन इन्फिनिटी फोरम” एक बड़े लक्ष्य को लेकर हम सभी के सामने आई है,आज का दिन भी शुभ है जिसमें दिन और रात की समानता है और यह “शुभ मुहुर्त” सोच कर नहीं चले थे यह तो अपने आप में बन गया जो कि महत्वपूर्ण है।

 

 

मुनि श्री ने कहा यह तो केवल मंगलाचरण है, इस बैठक में बहूत सीमित लोगों को ही भाव भूमिका के लिये ही आमंत्रित किया गया था आचार्य श्री हमेशा एक बात कहा करते थे चिंतन मंथन प्रवचन बहूत हुआ अब कुछ करिये और उसी दिशा में आज चार बातें अति संक्षेप में कहते हुये जैन इन्फिनिटी की पूरी टीम को आशीर्वाद देते हुये कहा कि अभी रुकना नहीं है इसे नीतियों के अनुरूप और कैसे विस्तार दें इसके लिये जो अभी छूट गये है उन सभी लोगों को जोड़कर उनको सूचित करके हम सभी को एक बार और किसी दिन बैठना होगा तथा कार्य योजना को व्यापक तौर पर तैयार कर उसके क्रियान्वयन के लिये रीति नीती बनायें उन्होंने आशीर्वाद देते हुये कहा कि शिकागो से पधारे डा. दीपक जैन के कुशल नेतृत्व में यह व्यवस्था आगे बड़ेगी उनके साथ इन्फिनिटी की प्रशासनिक टीम,

एवं यू.एस.ए के प्रेम जी, कमल कांत जैन दिल्ली को शामिल किया गया है।

 

मुनि श्री ने कहा कि आप लोगों की श्रैष्ठतम सोच ही इस कार्य को आगे बड़ाऐगी। प्रवक्ता अविनाश जैन ने बताया सभी पधारे हुये अतिथियों ने गुरुकुलम् पहुंचकर बच्चों के पड़ने एवं आबास तथा भोजन व्यवस्था का जायजा लिया एवं बच्चों से सबाल जबाब भी हुये जब सभी बच्चों ने एक स्वर में कहा कि “हमें गुरु जी के सपनों को साकार कर देश का आईकान बनना है” तो सभी अतिथि बहूत प्रसन्न हुये एवं उन्होंने खूब खूब आशीर्वाद दिया। इस अवसर पर गुणायतन के राष्ट्रीय अध्यक्ष विनोद काला ने अपने सम्वोधन में गुणायतन एवं विद्याप्रमाण गुरुकुलम् के अध्यक्ष विनीत गोधा एवं महामंत्री अनुभव सराफ एवं “संस्कार उपवन” के अनुपम पंडित सहित की पूरी टीम का स्वागत एवं आभार प्रकट किया उक्त अवसर पर गुणायतन के कार्याध्यक्ष एन सी.जैन,सहित बड़ी संख्या में इंदौर,तथा देश के विभिन्न नगरों से आये शिरोमणि संरक्षक एवं संरक्षक तथा टृस्टी उपस्थित थे सभी अतिथियों का आभार विद्याप्रमाण गुरुकुलम् की ओर से रचना पारिख ने किया।

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