आर्यिका 105 संकल्प मति माताजी का समाधि मरण हुआ
श्री महावीरजी
वात्सल्य वारिधि आचार्य श्री 108 वर्धमान सागर महाराज की परम शिष्या यम सल्लेखना धारी आर्यिका 105 संकल्प मति माताजी का यम सलेखना के 14 वे दिन समाधि मरण अतिशय क्षेत्र श्री महावीरजी में हुआ आपको बता दें 78 वर्षीय आरिका माताजी ने 1 नवंबर से 24 नवंबर तक 24 उपवास में 4 दिन केवल जल ही ग्रहण किया सचमुच अद्भुत साधना थी इनकी इस उत्कृष्ट साधना में दिनांक 24 नवंबर को प्रातः 5: 43बजे पूज्य आचार्य भगवंत वर्धमान सागर महाराज के श्री मुख से अरिहंत सिद्ध का मंत्र उच्चारण सुनते हुए समता पूर्वक समाधि मरण हुआ।

भारतवर्ष में एक मात्र आचार्य हैं जिन्होंने अब तक सर्वाधिक समाधि पर सल्लेखना करवाई हैं
एक साधु के जीवन का परम लक्ष्य होता है कि वह संयम साधना के साथ आचार्य श्री की मिश्रा में समाधि हो वह भी तीर्थ क्षेत्र अतिशय क्षेत्र पर हो धन्य है आर्यिका माताजी जिन्होंने अपनी मानवता को धन्य कर सिद्ध तत्व को प्राप्त किया है।
इनके पावन चरणों में कोटि नमन
अभिषेक जैन लुहाड़िया रामगंजमंडी

