धन का सदुपयोग दान है अजीत सागर जी

धर्म

धन का सदुपयोग दान है अजीत सागर जी

पथरिया

नेमीविद्या धाम लखरोनी पथरिया  मे धर्म सभा मे मुनि श्री अजीत सागर महाराज धन के विषय मे बताया उन्होने  कहा धन की तीन गतियां होती हैं। दान भोग और नाश इस पर प्रकाश डालते हुए कहा  जिसके धन का भोग कर हम उसका  दुरुपयोग कर पाप के भागी बनते हैं, जबकि धन का सदुपयोग धर्म में करके हम उसको कई गुना बढ़ा सकते हैं, क्योंकि ये एक ऐसा निवेश हैं, जिसका हजार गुना फल कई पीढ़ियों तक हमें प्राप्त होता रहता है।

संकलित सभिशेक जैन लूहाडीया रामगंजमंडी

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