बड़ा पुण्य का योग से ऐसा सहयोग बना है की हमें ऐसा सौभाग्य मिला कि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज का समाधि दिवस मना रहे हैं – आर्यिका रत्न श्री संगम मति माता जी

धर्म

बड़ा पुण्य का योग से ऐसा सहयोग बना है की हमें ऐसा सौभाग्य मिला कि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज का समाधि दिवस मना रहे हैं – आर्यिका रत्न श्री संगम मति माता जी
अशोक नगर–
बड़े पुण्य के योग से ऐसा सहयोग बना है कि आप कहीं पैदल-पैदल विहार कर पहुचे और उत्सव मनाने मिल जाए हमें ऐसा सौभाग्य मिला कि आचार्य भगवंत श्री विद्यासागर जी महाराज का समाधि दिवस पूर्व से नगर में विराजमान आर्यिका संघ के सान्निध्य में मना रहे हैं आप लोग बहुत भाग्यशाली हैं जो आचार्य श्री की छत्र छाया को प्राप्त करते रहे।

 

उक्त आश्य केउद्गार सुभाषगंज में धर्म सभा को सम्बोधित करते हुए आर्यिका रत्न श्री संगम मति माता जी ने व्यक्त किए।

आर्यिका श्री दर्शन माताजी ने आपके नगर में जन्म ले इसे धन्य किया- माता जी*
इस अवसर पर माता जी ने कहा कि हमारे दादा गुरु आचार्य श्री सन्मति सागर जी महाराज से दीक्षा ग्रहण करने वाली हमारी बड़ी माताजी गणनी आर्यिका रत्न 105श्री दर्शनमति माता जी ने अशोक नगर में जन्म लेकर इस नगर को धन्य किया उनके नाती विजय धुर्रा यहां बैठे हैं बहुत से लोगों को पता ही नहीं होगा कि आपके नगर की गौरव थी हमारी बड़ी माताजी इनकी जिद ने हमें रोक लिया आपके अध्यक्ष मंत्री और कमेटी की बहुत भक्ति थी और हम विहार करते हुए भी रूक गये हमें अभी बहुत दूर जाना है गुरु आज्ञा है आगे बढ़ना है गुरु की आज्ञा में रहकर धर्म मार्ग पर चलना सबसे बड़ी बात है। 

 

आज का दिन आचार्य भगवंत श्री विद्यासागर जी महाराज के चरणों में समर्पित है प्रशममति माताजी
इस अवसर पर आर्यिका105 श्री प्रशममति माताजी ने कहा कि जीवन में कुछ भी नहीं है मुठ्ठी बाधकर आये थे हाथ पसार कर जाता है आचार्य श्री के शब्द थे यहां कोई नहीं रुकने वाला सभी को जाना है इसलिए राग द्वेष नहीं करना जीवन में आयें है इसमें सात वार होते सोमवार को जन्म मंगलवार को बड़े हुए बुधवार को शादी और सात दिनों में सब कुछ हो जाता है और रविवार को स्वाहा आठवां दिन नहीं होता इन सात दिनों में ही हमें अपने कल्याण के मार्ग को पहचान कर चलने की तैयारियां कर लेना चाहिए

 

आचार्य श्री ने तो अपना सब कुछ कर लिया अब हमें आचार्य श्री की पूजा करते हुए अपने जीवन को सार्थक बनाने के लिए एक कदम बढ़ाना है इसके बाद युवा वर्ग के संरक्षक शैलेन्द्र श्रागर के मधुर भजनों के साथ आचार्य भगवंत गुरुवर श्री विद्यासागर जी महाराज के गुणगान रूप आचार्य भगवंत विधान कर अर्घ्यो का समर्पण भक्ति भाव से किया गया।
संकलन अभिषेक जैन लुहाड़िया रामगंजमंडी 9929747312

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