जीवो पर करुणा करो -मुनि श्री योगसागर जी
गौरझामर
_इस सदी के महासंत पूज्य गुरुदेव संत शिरोमणि 108आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज और वर्तमान आचार्य श्री समय सागर जी महराज के परम् प्रभावक शिष्य ज्येष्ठ निर्यापक श्रमण मुनिवर योगसागर जी ससंघ गौरझामर में विराजमान है जैन बड़ा मंदिर में आज सुबह प्रातःकालीन बेला में मुनिश्री के मुखारविंद से प्रभु की शांतिधारा का वाचन हुआ और शांतिधारा के मंत्रो से विश्व शांति की जगत के सभी जीवो के कल्याण की मंगल भावना की गई / सभी भक्तो ने अष्ट द्रव्य से गुरु पूजन की और गुरुजनो को मंगल मई देशना हुई /
मुनिश्री निरामय सागर जी ने प्रवचन में बताया की गुणी जनो की संगति से जीवन में गुणों का विकास होता हे / मुनि श्री निरोग सागर जी ने बताया की साधु जनो को भी सर्दी गर्मी लगती हे लेकिन सहन करना ही तप हे ठंड जितनी लगाओगे सो उतनी लगेगी यदि सहन कर लिया तो नहीं लगेगी और प्रवचन के क्रम में अंत में पूज्य बड़े महराज जी ने धर्म और जीवन के रहस्य को बताया पापो से दूर रहना ही पुण्य में बृद्धि करता हे अपने अंतर के भावो को शुद्ध करो पुण्य बढ़ेगा नीति से पैसा कमाओ जीवो पर दया करुणा करो /
जैन समाज के संचालक दीपक भाई चौधरी ने गुरु चरणों में श्रीफल समर्पित कर निवेदन किया की हे मुनिराज गौरझामर समाज को शीत कालीन वाचना कराने का अवसर प्रदान करे / बालिका मंडल ने संगीतमय गुरु पूजन प्रस्तुत की।
संकलित जानकारी के साथ अभिषेक जैन लुहाड़िया रामगंजमंडी की रिपोर्ट