आचार्य श्री ने भाग्योदय तीर्थ की गोपनीयजांच करवाई थी : न्यायमूर्ति गोहिल

धर्म

आचार्य श्री ने भाग्योदय तीर्थ की गोपनीयजांच करवाई थी : न्यायमूर्ति गोहिल
सागर|
रिटायर्ड न्यायमूर्ति अभय गोहिल ने कहा कि आचार्य श्री विद्यासागर महाराज नेभाग्योदय तीर्थ की गोपनीय जांच करने काआदेश मुझे दिया था। मैंने गोपनीय जांच रिपोर्टउनके समक्ष पेश की थी। गोहिल सोमवार कोभाग्योदय में विराजमान मुनिश्री सुधा सागर महाराज के जिज्ञासा समाधान कार्यक्रम में बोलरहे थे। न्यायमूर्ति गोहिल ने तीर्थ रक्षार्थ भोपाल में सुधासागर महाराज से चातुर्मास करने का आग्रह किया।

 

उन्होंने प्रश्न किया मंदिर अथवातीर्थ क्षेत्र बनाने में क्या पुण्य मिलेगा ? इसके जवाब में मुनिश्री ने कहा कि पूर्व भव में अच्छा काम किया होगा इसलिए मंदिर बनाने का मौकामिला। ऐसे व्यक्तियों को साक्षात भगवान के दर्शन होते हैं,अथवा मंदिर बनाना प्रशंसनीय है। मुनिश्री ने कहा कि गोयल हमेशा सामाजिक कार्य करने में रुचि लेते हैं।

भाग्योदय में 12 अक्टूबर को जैन समाज का मध्य प्रदेश स्तरीय
सम्मेलन होगा। 2 अक्टूबर को स्वास्थ्य लाभसमाधान है: मुनिश्री सुधासागर
भाग्योदय तीर्थ में विराजमान निर्यापक मुनि सुधासागर महाराज ने
प्रवचन में कहा कि व्यक्ति को अपने जीवन को चलाने के लिए एक ही कारण नहीं होना चाहिए क्योंकि जीवनअनेक पहलुओं से चलता है। एक ही प्रकार का अधर्म नहीं है
तो एक ही प्रकार का धर्म भी नहीं है। अधर्म धर्म को मूल्यवानबनाता है। उन्होंने कहा कि अंधकार से प्रकाश की प्यास से पानीकी, भूख से रोटी की कीमत बढ़ जाती है। अभाव सद्भाव कोअनमोल बना देता है, इसलिए संसार एक समस्या है तो मोक्ष
उसका समाधान है। मिथ्यात्व समस्या है तो सम्यकदर्शन उसका
समाधान है। उन्होंने कहा कि विरोधी तत्व ने अच्छी वस्तुओं के अनमोल कर दिया। कितने प्रकार है अधर्म के, हिंसा से बचजाता है व्यक्ति तो झूठ में फंस जाता है, झूठ से बच जाता है तो
मायाचारी में फंस जाता है। माया से बचता है तो लोभ में फंस जाता है।

 

मुनिश्री ने कहा कि जिन 108 द्वारों से पाप हो रहा है उन्ही108 द्वारों से पुण्य होने लग जाये तो मामला बराबर का बैठ जाएगा। जिन कषायो से पाप का बंध होता है।
संकलन अभिषेक जैन लुहाड़िया रामगंजमंडी 9929747312

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *