धर्म मन्दिर में नहीं होता मन्दिर में धर्म सीखा जाता है*–सुप्रभसागरजी मुनि संघ ने किया शाढ़ौरा की ओर प्रस्थान

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धर्म मन्दिर में नहीं होता मन्दिर में धर्म सीखा जाता है*–सुप्रभसागरजी
मुनि संघ ने किया शाढ़ौरा की ओर प्रस्थान
अशोक नगर–
धर्म मन्दिर में नहीं होता मन्दिर में धर्म सीखा जाता है। और फिर सीखाकर धर्म को अपनी दुकान में बैठकर परीक्षण करना होगा। और अपने आप को तोलें कि जो धर्म हमने सीखा है उस पर हम क्या खरे उतर पा रहे हैं। यह भी हमें ही देखना होगा। यह उद्गार सुभाष गंज में धर्म सभा को सम्बोधित करते हुए मुनि श्री सुप्रभ सागरजी महाराज ने व्यक्त किए।


गुरुवार को शाढ़ौरा में होगी धर्म सभा
मध्यप्रदेश महासभा के संयोजक विजय धुर्रा ने बताया कि आचार्य श्री शान्तिसागर जी महाराज की परम्परा के आचार्य श्री वर्धमान सागर जी महाराज के शिष्य मुनि श्री सुप्रभ सागरजी महाराज मुनिश्री दर्शित सागरजी महाराज ससंघ ने शाम को शाढ़ौरा की ओर विहार कर दिया। जहां मुनि संघ रास्ते में विश्राम कर गुरुवार को प्रातः काल की बेला में नगर प्रवेश करेंगा।तद्उपरान्त शाढ़ौरा में धर्म सभा को सम्बोधित करेंगे।
मुनि संघ कुंडलपुर महा महोत्सव के उपरांत दमोह सागर बीना होते हुए शिवपुरी में वर्षावास के लिए शाढ़ौरा नई सराय बदरवास कोलारस होते हुए विहार कर रहा है।

हमारा काम जगाना है सो जाग्रत कर रहे हैं
उन्होंने कहा कि हम चौंकी पर बैठे है हम तो चौकीदार है। आप लोग जमीन पर बैठे जमींदार लोग हैं।चौकीदार का काम सबको जाग्रत करना है, सो हम जगाने आये है। जो आंखें बन्द किए हैं उसे जगाया नहीं जा सकता। और आज जो यहां कुछ पाने आया है उन्हें भगवान महावीर के कुछ सूत्र दीये जा रहे हैं जिन्हें आप अपने जीवन में उतार लें।
लोग धर्म जानते हैं पर करते नहीं है और लोग अधर्म जानते हैं फिर भी किये जा रहे हैं। ये वर्तमान के मनुष्यो की प्रवृत्ति है। इस प्रवृत्ति को बदलना होगा। तब ही सुख शांति मिलेगी।
संकलन अभिषेक जैन लुहाडीया रामगंजमडी

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