संयम और आत्मशक्ति की राह दिखा रहे मुनिश्री दुर्लभ सागर महाराज
आरोन आरोन नगर जो कि एक धर्म नगरी कहलाती है और समय- समय पर अलग-अलग मुनि एवं आर्यिका संघ के चातुर्मास एवं बर्षा योग सानिध्य प्राप्त होता रहता है।इस बार आचार्य श्री विद्यासागर महाराज के शिष्य मुनिश्री दुर्लभसागर एवं क्षुल्लक निर्धूम सागर महाराज का चातुर्मास नगर में हो रहा है।
वर्षायोग हेतु मुनिसंघ आरोन के बड़ा जैनमन्दिर स्थित संत श्री नियम सागर भवन में विराजमान हैं। मुनिश्री दुर्लभ सागर महाराज द्वारा प्रतिदिन सुबह 5 बजे से योग, ध्यान प्राणायाम के उपरांत अभिषेक,शांतिधारा, प्रवचन एवं दोपहर मेंविभिन्न ग्रंथों की कक्षाएं लगाई जा रही हैं। साथ ही साथ संध्यासमय पर गुरु भक्ति केसाथ-साथ श्रावकों को अपनेअन्तस में आध्यात्मिक चेतना को जागृत कराने का ज्ञान भी विशेष कक्षा के माध्यम से दिया जा रहा है।

मुनिश्री दुर्लभ सागर महाराज द्वारा श्रावक-श्राविकाओं में विशेषकर बच्चों एवं युवाओं में जो जागृति पैदा की है उसने नगर के युवाओंमें विशेष उत्साह का संचार किया है।



क्षेत्रीय प्रवक्ता एवं चातुर्मास कमेटी के प्रचार मंत्री सुनील झंडा। ने बताया कि मुनिश्री दुर्लभ सागर जी महाराज अपने प्रवचनों के माध्यम से बार-बार श्रावकों को सचेत कर रहे हैं कि अपने क्रोधरूपी विकार को दूर करते हुए जीवन में संयम को अंगीकारकरते हुए अपने भीतर में छुपी हुई दिव्य शक्तियों को पहचानो। अपनेभीतर में ऊर्जा का विशाल स्त्रोतमौजूद है जिसका समुचित उपयोगकर हम स्वयं का, परिवार का एवंसमाज का भला कर सकते हैं।मुनि श्री की कक्षाओं में प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में श्रावक धर्मएवं अध्यात्म से जुड़े ज्ञान को प्राप्त कर रहे हैं।
संकलन अभिषेक जैन लुहाड़िया रामगंजमंडी 9929747312

