सुखाड़िया विश्वविद्यालय में ग्लोबल इंस्टिट्यूट ऑफ जैनोलॉजी एवं प्राकृत भवन का लोकार्पण हुआ प्राकृत भाषा संरक्षण के लिए प्रयास जरूरी: आचार्य श्री सुनील सागर महाराज
उदयपुर
मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय उदयपुर के जैन विद्या एवं प्राकृत विभागमें शनिवार को ग्लोबल इंस्टिट्यूट ऑफजैनोलॉजी एवं प्राकृत भवन के प्रथमचरण का भव्य लोकार्पण हुआ।श्री दिगंबर जैन ग्लोबल महासभा,मुंबई द्वारा निर्मित भवनउद्घाटन आचार्य सुनील सागर,आचार्य पुण्य सागर, मुनि अपूर्व सागर,मुनि अर्पित सागर ससंघ की निश्रा मेंपंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया विधायक ताराचंद जैन सहित अन्य अतिथियों ने किया।
ग्लोबल इंस्टिट्यूट ऑफ जैनोलॉजीभवन के लोकार्पण अवसर पर विवेकानंद सभागार में आयोजित समारोह में आचार्य सुनील सागर महाराज ने कहा कि कमानेके लिए मस्तिष्क और दान देने के लिएकलेजा चाहिए, जो विरलों में होता है।
भवन निर्माण में योगदान देने वालों कोउन्होंने साधुवाद दिया। उन्होंने प्राकृतभाषा को सभी देशी भाषाओं की मूल बताते हुए इसके संरक्षण और संवर्द्धन पर बल दिया।
उड़ीसा के खण्डगिरी- उदयगिरीको उन्होंने णमोकार महामंत्र का मूलस्थान बताया। उन्होंने प्रधानमंत्री की भी सराहना की। आचार्य कल्प पुण्य सागरमहाराज ने कहा कि प्राकृत भाषा हमारीमूल भाषा है, जिससे अन्य भाषाओं जन्म हुआ।
उन्होंने कहा कि अंग्रेजी में12 हजार, गुजराती में 40 हजार, मराठीमें 48 हजार, हिन्दी में डेढ़ लाख एवंप्राकृत भाषा में ढ़ाई से तीन लाख शब्दहै। प्राकृताचार्य सुनील सागर महाराज ने प्राकृत भाषा में 10 ग्रन्थ लिखे हैं।
प्राकृत भाषा को बढ़ावा देना समय की ज़रूरत : राज्यपाल कटारिया
लोकार्पण समारोह में राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि भवन निर्माण के प्रथम चरण में जमनालाल हपावत व उनकी टीम
का योगदान सराहनीय है। उन्होंने बताया कि प्राकृत भाषा का प्रभाव इतना है कि जैन ही नहीं,गैर जैन विद्वानों ने भी इसमें पीएचडी की है।राज्यपाल व अन्य अतिथियों ने इस अवसर पर आचार्य सुनील सागर महाराज द्वारा रचित पुस्तक सच्चे कहाओं’ का विमोचन भी किया।
राष्ट्रीयअध्यक्ष जमनालाल हपावत ने बताया कि प्राकृत कक्षा का निर्माण जम्बू प्रसाद जैन (गाजियाबाद)द्वारा हुआ है, जिसका लोकार्पण आचार्य श्री केसान्निध्य में हुआ। कीर्ति स्तंभ का शिलान्यास एवं प्रथम तल के कक्षा कक्षों का निर्माण कार्य
प्रदीप जैन के सौजन्य से प्रस्तावित है। पाण्डुलिपि हॉल का निर्माण स्व. निर्मल कुमार सेठी कीस्मृति में उनके सुपुत्र धर्मेंद्र सेठी से प्रेरित होकरहुआ है। समारोह की अध्यक्षता कुलपति प्रो.सुनीता मिश्रा ने की। प्रदीप जैन, अशोक पाटनीऔर जम्बूप्रसाद जैन विशिष्ट अतिथि के रूप मेंउपस्थित रहे।
विवेकानंद औडोटोरियम मे.हजारो की संख्या मे उपस्थित जन समुदाय के मध्य आयोजित हुआ! उपरोक्त भवन ग्लोबल दि जैन महासभा के आव्हान पर भारतवर्षीय तीर्थ क्षेत्र कमेटी के अध्यक्ष श्री जम्बूप्रसाद जी जैन परिवार गाजियाबाद, श्री प्रदीप जैन जी PNC परिवार आगरा, जमनालाल जी जैन हपावत परिवार मुम्बई, प्रदीप जैन मामा परिवार भोपाल, निर्मल जैन मोठ्या परिवार आगरा आदि के द्वारा प्रदत्त दान राशी से बनाया गया है!
संकलन अभिषेक जैन लुहाड़िया रामगंजमंडी 9929747312