मुनि श्री समत्व सागर महाराज विगत 24 वर्ष पूर्व छात्र जीवन में अध्ययन करने कोटा आए थे अमेरिका में सॉफ्टवेयर इंजीनियर की नौकरी छोड़ चल पड़े आध्यात्म की राह

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मुनि श्री समत्व सागर महाराज विगत 24 वर्ष पूर्व छात्र जीवन में अध्ययन करने कोटा आए थे अमेरिका में सॉफ्टवेयर इंजीनियर की नौकरी छोड़ चल पड़े आध्यात्म की राह
कोटा
परम पूज्य मुनिश्री 108 समत्व सागर महाराज राजस्थानके कोटा में विराजमान है। महाराज श्री विद्यार्थियों को तनाव से मुक्ति मिले, धैर्यता के साथ बेहतर जीवन जीने की सीख देते हैं।

परम पूज्य मुनि श्री विगत 24 वर्ष पूर्व एक विद्यार्थी के रूप में कोटा अध्ययन करने आए थे और अब संत के रूप में कोटा आए हैं। उन्होंने कोटा में इंजीनियरिंग में प्रवेश हेतु शिक्षा अध्ययन किया था।

यदि उनकी शिक्षा के विषय में जाने तो उन्होंने मध्य प्रदेश के विदिशा से बीटेक एवं राजस्थान के बिटस पिलानी से एमटेक किया है। उनके विषय में यदि हम पड़े तो आज के वर्तमान परिपेक्ष का सच्चा दिग्दर्शन हो जाता है आज के दौर में जहां युवा बड़े-बड़े पैकेज के लिए अपना देश अपना परिवार छोड़ विदेश में जा रहे हैं। इसके विपरीत महाराज श्री अमेरिका में सॉफ्टवेयर इंजीनियर थे लेकिन उन्होंने एक बड़ा पैकेज छोड़कर आध्यात्म की राह को सर्वोपरि माना।

 

 

 

 

दैनिक भास्कर समाचार पत्र को साक्षात्कार देते हुए महाराज श्री ने विद्यार्थियों के लिए कहा कि जीवन में एक चीज को ध्यान रखना की भविष्य बहुत लंबा है शॉर्ट टर्म में हताश न हो।

महाराजजी ने साक्षात्कार में पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए कहा कि माता पिता में बच्चों के कैरियर के लिए होड़ सी लगी है। और आजकल के बच्चे भी चाहते हैं कि हाई-फाई चीजे मिले। यही चाहत धैर्य को कमजोर कर कंपटीशन को बढ़ाती है। महाराज श्री ने कहा की योग्यता के अनुसार ही करियर का चयन करें।

तनाव प्रबंधन के प्रश्न का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि विद्यार्थी अध्यात्म को अपनाए और अच्छे भाव स्वीकारे। और ध्यान रखें कि भविष्य बहुत लंबा है। जीवन की दौड़ यहीं खत्म नहीं हो जाती कि मैं आईआईटी या मेडिकल नहीं कर पाया। जीवन बहुत लंबा है उत्साह शक्ति व संतुलन रखें। सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़े। यदि हो गया तो इस बार चीज अचीव नहीं कर पाए, हो सकता है कि उससे ऊपर आपको कुछ मिल जाएगा।

आत्मविश्वास को कैसे मजबूत करें इसके विषय में महाराज जी ने बताया कि पढ़ने का सिस्टम बनाएं। पहले 5 मिनट इसके लिए दे की हमने पढ़ा क्या है अगली सिटिंग में जब बैठे तो 5मिनट पहले पड़ा रिकॉल कर ले कक्षाओं में भी यह सिस्टम बने। निगेटिव विचार मन में ना लाएं। हमेशा सकारात्मक सोचे। मोबाइल को गंभीर समस्या बताया।

 

 

एआई के विषय में महाराज श्री ने कहा कि स्टूडेंट वास्तविक प्रतिभा को दिखाएं। एआई निर्भर ना हो। इससे क्रिएटिविटी डैमेज हो रही है। स्टूडेंट मेघावी नहीं रहेंगे। रात 10:00 के बाद तो कम से कम नेट बंद कर दें। यह ई ड्रग एडिक्शन है। सप्ताह में एक दिन मोबाइल की छुट्टी करे पेरेंट्स इसकी पहल करें।

संकलन अभिषेक जैन लुहाड़िया रामगंजमंडी 9929747312

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