गिरनार उर्जयंत पर्वत श्री नेमीनाथ भगवान की तप केवल ज्ञान और निर्वाण भूमि हैआचार्य श्री वर्धमान सागर जी
पारसोलाआचार्य श्री वर्धमान सागर जी 33 साधुओं के विशाल संघ सहित सन्मति नगर पारसोला में विराजित है। आचार्य श्री ने धर्म देशना में बताया कि गुजरात के गिरनार उर्जयंत पर्वत 22 वे तीर्थंकर 1008 श्री नेमिनाथ भगवान की तप , केवल ज्ञान और निर्वाण मोक्ष स्थल है। 72 करोड़ 700 मुनिराजो की निर्वाण स्थली है ।श्री नेमिनाथ भगवान के दर्शन उनके चरणों की वंदना करने के लिए 23 मार्च 2025 को देहली से श्री ऋषभदेव भगवान के जन्म तप कल्याणक दिवस से श्री नेमीनाथ भगवान के मोक्ष कल्याणक 2 जुलाई 2025 पर विश्व जैन संगठन द्वारा 101 दिवसीय रैली का आयोजन किया गया है। प्रशासन का कर्तव्य है कि जैन समाज को मोक्ष कल्याणक पर भगवान के दर्शन चरणों की वंदना करने के अवसर जैन समाज की 22वें तीर्थंकर श्री नेमीनाथ भगवान की धर्मयात्रा सकुशल हो ऐसे प्रशासन को इंतजाम करना चाहिए। क्योंकि श्री नेमिनाथ भगवान जैन समाज के आराध्य हैं ,यह मंगल देशना आचार्य श्री वर्धमान सागर जी ने सन्मति नगर पारसोला में विश्व जैन संगठन के प्रतिनिधियों एवम् जैन समाज के समक्ष 1 फरवरी को प्रगट की। ब्रह्मचारी गज्जू भैया एवं राजेश पंचोलिया ने बताया कि आचार्य श्री ने आगे बताया कि विश्व जैन संगठन के इस धर्म प्रभावना के कार्य में सभी को शामिल होकर सहयोग करना चाहिए ।आचार्य श्री वर्धमान सागर जी ने वर्ष 1992 में की गई वंदना दर्शन के अनुभव साझा करते हुए बताया कि हमने फरवरी मार्च 1992 में हमारे संघ, आचार्य श्री निर्मलसागर जी और आर्यिका श्री विजयमति माताजी के संघ सहित सभी पांचो टोक के दर्शन वंदना की ।और हमने 8 दिन के प्रवास में तीन बार दर्शन वंदना की। इसके पूर्व मुनि श्री हितेंद्रसागर जी ने बताया कि गिरनार पर्वत में सहस्त्र वन में आचार्य धरसैनाचार्य ,आचार्य भुतबली और आचार्य पुष्प दंत सागर जी महा मुनिराज ने जिनवाणी की रचना यहीं से की। आचार्य श्री के दर्शन चरण वंदना कर विश्व जैन संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय जैन ने बताया कि विश्व जैन संगठन द्वारा श्री नेमिनाथ भगवान गिरनार धर्म पदयात्रा की जावेगी।1008 श्री आदिनाथ भगवान के जन्म तप कल्याणक दिवस 23 मार्च 2025 से बलबीर नगर दिल्ली से 101 दिवसीय श्री गिरनार सिद्ध क्षेत्र यात्रा 2 जुलाई 25 तक श्री नेमि गिरनार धर्म पद यात्रा का शुभारंभ होगा। विश्व जैन संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय जैन दिल्ली 1 फरवरी को पारसोला में विराजित प्रथमाचार्य श्री शांति सागर जी महाराज की अक्षुण्ण मूल बाल ब्रह्मचारी पट्ट परंपरा के पंचम पट्टाधीश आचार्य श्री वर्धमान सागर जी के दर्शन करने एवं इस मंगलमय पदयात्रा कार्यक्रम के लिए मार्गदर्शन एवं आशीर्वाद लेने हेतु अपने साथियों सहित पधारे। संजय जैन देहली ने आचार्य के समक्ष धार्मिक पदयात्रा का उद्देश्य बताया कि समग्र अखिल भारतीय जैन समाज को भगवान नेमिनाथ के मोक्ष स्थल से जोड़ने हेतु यह पद यात्रा की जा रही है।इस अवसर पर पारसोला दिगंबर जैन समाज द्वारा आए अतिथियों का नगर की परंपरा अनुसार स्वागत किया गया।
राजेश पंचोलिया इंदौर से प्राप्त जानकारी संकलन अभिषेक जैन लुहाड़िया 9929747312
