ये सिसकी कब रुकेगी

काव्य रचना

ये सिसकी कब रुकेगी

 

ये सिसकी कब रुकेगी ? तुम मुझे मुस्कान कब दोगे ?
मेरे अस्तिस्त्व को तुम अर्थों मे सम्मान कब दोगे?

 

में डरती हू कि कट ना जाऊ देहरी पार करते ही
भरोसा तुम पे कर पाऊं वो तुम पहचान कब दोगे ?

स्वरचित नीतू बाफना
राजसमंद राजस्थान

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