परम पूज्य मुनि श्री नीरज सागर महाराज एवम निर्मद सागर महाराज ने अतिशय क्षेत्र कैथुली पारसनाथ भगवान के किए दर्शन भाई के संबंध कैसे निभाना यह पारसनाथ से सीखो नीरज सागर महाराज
रामगंजमंडी
नगर की सीमा से 16 किलोमीटर दूर स्थित अतिशय क्षेत्र कैथुली में बुधवार की संध्या बेला में आचार्य श्री 108 विद्यासागर महाराज के परम शिष्य पूज्य मुनिश्री 108 नीरज सागर महाराज एवम पूज्य मुनिश्री108 निर्मद सागर महाराज का भव्य मंगल प्रवेश हुआ मुनि संघ को जय जयकार करते हुए बैंड बाजों के साथ क्षेत्र पर लाया गया क्षेत्र पर पहुंचने पर क्षेत्र कमेटी ने महाराज श्री संघ का पद प्रक्षालन कर मंगल आरती की इसके उपरांत मुनि संघ ने जिनालय दर्शन किए एवं मूलनायक अतिशयकारी पार्श्वनाथ भगवान की प्रतिमा को एक टक निहारा दर्शन कर मुनि द्वय अभिभूत हुए ओर काफी समय तक वहां बैठकर ध्यान किया इसके उपरांत पूज्य मुनिश्री 108 निर्मद सागर महाराज सानिध्य भक्ति की गई एवं महाराज श्री ने अपना उद्बोधन सभी को दिया संध्या की बेला में आचार्य श्री विद्यासागर महाराज को स्मरण में लाते हुए एक भजन सुनाया हमें रास्तों की जरुरत नहीं है मुझे तेरे पैरो के निशा मिल गए है। एवम भक्त समूह ने आचार्य श्री की एवं महाराज श्री की मंगल आरती की।
शुक्रवार की अनुपम बेला में प्रातः कालीन महाराज श्री संघ सानिध्य में अभिषेक शांति धारा की गई। प्रथम अभिषेक का सौभाग्य राजेश कुमार नीलेश ठाई रामगंजमंडी को प्राप्त हुआ प्रथम शांति धारा का सौभाग्य कैलाश अजय जैन कोटा को प्राप्त हुआ पूज्य मुनिश्री 108 निर्मद सागर महाराज के श्रीमुख से शांतिधारा का उच्चारण हुआ। इस पुनीत बेला में भानपुरा, कोटा, रामगंजमंडी, संधारा, भवानीमंडी आदि स्थानों के भक्त पधारे एवं महाराज श्री को अपने नगर में आगमन निवेदन किया। इस बेला में भक्ति का उल्लास देखते बन रहा था हर कोई महाराज श्री संघ को अपने नगर में आगमन हेतु निवेदन करते हुए उत्साहित था भक्ति का यह क्षण काफी अभूतपूर्व था।
अभिषेक शांतिधारा उपरांत सभा मंडप में पार्श्वनाथ विधान किया गया महामंडल विधान आकाश जैन आचार्य रामगंजमंडी के निर्देशन में संपन्न हुआ। इस अवसर पर क्षेत्र कमेटी के परम संरक्षक सिद्धार्थ बाबरिया, सुरेश कुमार बाबरिया, कार्याध्यक्ष सुनील सुरलाया, उपाध्यक्ष रितेश ठाई, कोषाध्यक्ष सुनील दुगेरिया, निर्माण मंत्री जंबू कुमार जैन भानपुरा, कानूनी सलाहकार राजेंद्र हरसौरा नितेश ठाई ने समस्त प्रबंधन को सक्रियता के साथ किया।
इन मांगलिक पलो में पूज्य मुनिश्री 108 निर्मद सागर महाराज ने भगवान पारसनाथ के विषय में बताते हुए कहा कि हमें जीवन जीने की कला पारसनाथ भगवान से सीखना चाहिए की क्रोध कषाय से ऊपर उतना चाहिए जिससे मोक्ष की प्राप्ति हो सकती है। और हमें क्रोध कषाय को छोड़ना चाहिए तभी जीवन का कल्याण संभव है।पूज्य मुनि श्री 108 नीरज सागर महाराज ने भाई के संबंध के विषय में कहा कि भाई के संबंध को कैसे निभाना चाहिए यह पारसनाथ सीखो उन्होंने कहा कि जब तक का कमठ का द्वेष खत्म नहीं हुआ तब तक कमठ का भी कल्याण नहीं हुआ और जब तक का कमठ कल्याण नहीं हुआ तब तक पार्श्वनाथ भगवान को भी केवल ज्ञान प्राप्त नहीं हुआ इसीलिए हमें द्वेष को नहीं रखना चाहिए भगवान पारसनाथ पर कमठ ने खूब उपसर्ग किया लेकिन भगवान पारसनाथ ने द्वेष नहीं रखा और उपसर्ग को सहन किया हमें भगवान पारसनाथ के जीवन से यही सीख लेना चाहिए और भाई को भाई से द्वेष नहीं रखना चाहिए। पूज्य मुनिश्री108 नीरज सागर महाराज की आहारचर्या व चरण वंदना का लाभ सुरेश कुमार सिद्धार्थ बाबरिया दौतडा परिवार को एवम पूज्य मुनिश्री 108 निर्मद सागर महाराज की आहारचर्या चरण वंदना निरंजन अनिता डूंगरवाल परिवार को प्राप्त हुआ आहार उपरांत मुनिद्वय ने सामयिक ध्यान भगवान पारसनाथ भगवान के जिनालय में किया। एवं सामायिक उपरांत पूज्य मुनिसंघ का मंगल विहार खैराबाद की और हुआ एवम रात्रि विश्राम खेराबाद में हुआ। शुक्रवार की बेला में पूज्य मुनिसंघ का मंगल आगमन मोड़क ग्राम में होगा एवम आहारचर्या भी यही संपन्न होगी
अभिषेक जैन लुहाड़िया रामगंजमंडी की रिपोर्ट 9929747312