पिच्छि की तरह मन को हल्का व सुंदर बनाना चाहिए। सुनील सागर महाराज

धर्म

पिच्छि की तरह मन को हल्का व सुंदर बनाना चाहिए। सुनील सागर महाराज
किशनगढ़
परम पूज्य आचार्य श्री 108 सुनील सागर महाराज संघ का पिच्छिका परिवर्तन समारोह रविवार को संपन्न हो गया।

 

आचार्य श्री ने अपने मंगल प्रवचन देते हुए कहा कि इंसान उन चीजों से बीमार कम पड़ता है जिसे वह खाता है, लेकिन उन चीजों से ज्यादा बीमार पड़ता है जो उसको अंदर से खाती है। लोग आपके बारे में अपने हिसाब से सोचते हैं इसलिए परेशान नहीं होना चाहिए। सही रास्ते पर चलने का लक्ष्य बनाना चाहिए

 

उन्होंने कहा कि भगवान की भक्ति करने वाले झोली भरकर जाते हैं। अपने साथ साथ औरों का भी भला करना चाहिए। पुरुषार्थ धर्म ध्यान के लिए समय निकालना चाहिए। संसार मे पिच्छि कमंडल से बड़ी दौलत कुछ नहीं होती है। बिजी रहने के साथ सरल भी रहना चाहिए। भरोसा व विश्वास असंभव को संभव बना देता है। प्रत्येक आत्मा में परमात्मा निवास करते हैं। आचार विचार की समझ रखने पर आगे बढ़ते हैं। अच्छा व्यवहार कभी नहीं बदलना चाहिए।

महाराजश्री ने पिच्छि के विषय में कहा कि पिच्छि से जीवो की रक्षा होती है। पिच्छि की तरह मन को हल्का व सुंदर बनाना चाहिए।
संकलन अभिषेक जैन लुहाड़िया रामगंजमंडी 9929747312

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