हम संतवाद पंथवाद को यदि मिटा दें तो बहुत बड़ी क्रांति हो सकती है वीर सागर महाराज वाकड में कोई अति भव्य ऐतिहासिक अगवानी
पुणे
पूज्य निर्यापक श्रमण मुनिश्री 108 वीर सागर जी महाराज संघ का पुणे के उपनगर में सुस से वाकड में हुआ। यह जो अगवानी हुई यह आतिभव्य थी जिसमें पूरा जैन समाज उमड पड़ा। पूज्य श्री संघ सहित पुणे के अनेक उपनगरों में हो रहा और धर्म की प्रभावना हो रही है। समस्त पुणे वासी पूज्य मुनि श्री की वाणी से अत्यंत प्रभावित है एवं धर्म लाभ ले रहे हैं। अगवानी के बाद धर्म सभा को संबोधित करते हुए पूज्य निर्यापक श्रमण मुनि श्री वीरसागर महाराज ने कहा कि हमें संतवाद, पंथवाद, को भुलाकर एक होना चाहिए यदि हम एक हो जाते हैं तो बहुत बड़ी क्रांति हो सकती है।
शाकाहार प्रचारक डॉक्टर कल्याण गंगवाल पुणे ने कहा कि मैं पिछले कई सालों से दिगंबर श्वेतांबर स्थानकवासी तेरापंथी सभी संतो के साथ जुड़ा हूं और प्रयास ही करता हूं कि जैन धर्म की पताका ऊंचाई तक ले जाएं हम ऊंचाई तक ले जाए ऊंचाई तक ले जाएं हम संतवाद पंथवाद से मिटकर तीर्थकर अहिंसा जीव दया करुणा का संदेश सारे मानस तक पहुंचाएं।

आचार्य विद्यानंद जी के मार्गदर्शन पर चलने वाले विद्वान निर्यापक संत श्री वीरसागर जी महाराज , विशालसागर जी महाराज, धवलसागर जी महाराज आज हमारे पुणे में है।

आपको बता दें डॉक्टर कल्याण गंगवाल विगत कई वर्षों से 18 दिन के पर्यूषण पर्व करते हैं जिसमें 8 दिन श्वेतांबर संप्रदाय के एवं 10 दिन दिगंबर संप्रदाय के होते हैं।

उन्होंने कहा की हम पूना वासी क्रांति करना चाहते हैं पहली बार इतना जैन समाज इकट्ठा होते हुए मैंने अपने पिछले 80 साल की लाइफ में पहली बार देखा है। इतनी बड़ी मात्रा में समाज इकट्ठाहो रहा है अच्छा संदेश जा रहा है। और सबसे बड़ी बात लड़कियों के लिए हॉस्टल बच्चों के लिए हॉस्टल रहने के लिए सुविधाएं पूना में जो पुण्य नगरी है जो विद्या नगरी है उसमें हो रहा है। मैं चाहता हूं हर एक जैन भाई जुड़े तन से मन से जुड़ जाए बहुत बड़ी क्रांति होगी बहुत बड़ी क्रांति होगी।
अभिषेक जैन लुहाड़िया रामगंजमंडी की रिपोर्ट

