इंडिया नहीं भारत बोलो गोरक्षा हथकरधा देश की महती आवश्यकता
हम देख रहे है हर देश का नाम एक होता है लेकिन हमारे देश के नाम तीन इंडिया भारत हिंदुस्तान यह अग्रेजों के शासन के दोरान हुआ था जो देश की प्रगति के विकास मे बाधक है हम सब जानते इस देश का नाम भारत क्यो पड़ा ऋषभदेव पुत्र भरत के नाम पर इस देश का नाम भारत पड़ा जो धर्मनिष्ट न्यायप्रिय बलखानी थे आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ने कहा की यह देश की विड्बना है की भारत का नाम इंडिया पुकारा जाना जो इसकी सार्थकता को नष्ट करता है और देश की प्रगति मे बाधक है
गोरक्षा से देश की प्रगति
मै कहना चाहता हु की हमारे देश मे दूध की नदिया बहा करती थी लेकिन विड्बना है की आज गायो की कमी है पीने को दूध नहीं शुद्ध घी नहीं हर वस्तु मिलावटी लेनी पड़ रही है क्यो? हम विचार करे तो देखने को आता है बूचड़खानो मे गायों को निर्ममता के साथ काटा जा रहा है जिसके दुष्परिणाम सामने आये है इस हेतु आचार्य भगवन विद्यासागर जी महाराज की प्रेरणा से अनेकों गोशालाओ संचालित हो रही है वही शांतिधारा दुग्ध योजना इसका महत्वपूर्ण उदाहरण है
कवि के मार्मिक उद्गार
गोशाला बनाये हम दूध की नदिया बहाये हम ये संस्क्रती हमारी है हम अहिंसा के पुजारी है दूध बेचो खून नहीं हम हीरो के व्यापारी है मांस निर्यात बंद करो विद्या गुरु का यह फरमान है
हथकरधा केंद्र देश की प्रगति का नया आयाम
आज हर उत्पाद जो दैनिक जीवन के लिए आवश्यक है वह देश के बाहर का उपयोग मे आ रहा है साथ ही संदेह बना रहता है की वह अहिंसात्मक है या नहीं इस अनूठी पहल मे आचार्य गुरुवर की आशीष से अनेक हथकरधा केंद्र खोले जा चूके है जो अनुपम उदाहरण है गुरुवर का संदेश अपने देश का उत्पाद अपने देश मे ही बने वह भी अहिंसात्मक तरीके से आज सागर जैल के कैदियो द्वारा हथकरधा की राखिया निर्मित की है जो उन्हे आत्मनिर्भरता की और ले जा रही है वह अपराधो से विमुख होने लगे है जिसका श्रेय पूर्व S.P. DR रेखा दीदी को जाता है वही अनेकों लोगो को इसके द्वारा रोजगार मिल रहा है आज हथकरधा से निर्मित शर्ट पैंट साड़िया छन्ना अनेकों उत्पाद देश की प्रगति को नया आयाम दे रही है श्रमदान का शोरूम अपनी पहचान बना रहा है वही पपोरा कुंडलपुर डोंगरगढ़ आदि स्थानो पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है
अभिषेक जैन लुहाड़ीया रामगंजमंडी