सोफिया कुरैशी एवं व्योमिका सिंह ने दिखा दिया नारी शक्ति किसी से कम नहीं

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सोफिया कुरैशी एवं व्योमिका सिंह ने दिखा दिया नारी शक्ति किसी से कम नहीं
निश्चित रूप से सोफिया कुरैशी एवं व्योमिका सिंह ने दिखा दिया कि नारी शक्ति किसी से कम नहीं है यदि देश पर आच आती हैं तो नारी जानकी परवाह न करते हुए देश की सुरक्षा अस्मिता के लिए अपनी जान की बाजी तक लगा देगी।

 

 

इन दोनों ने उसे काव्य रचना को सार्थक सिद्ध कर दिया जिम्मेदारियां का बोझ परिवार पर पड़ा तो ऑटो रिक्शा ट्रेन को चलाने लगी बेटियां साहस के साथ अंतरिक्ष तक भेद डाला सुना वायुयान भी उड़ाने लगी बेटियां।

इन्होंने दिखा दिया भारतीय सेना का कोई धर्म नहीं लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया क़ुरैशी गुजरात की रहने वाली हैं. वो एक आर्मी ट्रेनिंग contingent को लीड करने वाली पहली महिला अधिकारी हैं. गर्व है इस भारतीय मुस्लिम महिला सैन्य अधिकारी पर…

कर्नल सोफिया क़ुरैशी…सरकार ने संदेश दिया है- पाकिस्तान वालों तुमसे ज्यादा मुसलमान हमारे मुल्क में हैं और उनकी वतनपरस्ती पर हमें नाज है.

एक परिचय सोफिया कुरैशी


सोफिया कुरैशी मूल रूप से गुजरात के वडोदरा की रहने वाली हैं, जहां उनका जन्म 1981 में हुआ. उन्होंने बायोकेमिस्ट्री में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है. रिपोर्ट्स के अनुसार, उनके दादा सेना में थे और पिता ने धार्मिक शिक्षक के रूप में सेना में सेवा दी. सोफिया की शादी मैकेनाइज़्ड इन्फेंट्री के सेना अधिकारी मेजर ताजुद्दीन कुरैशी से हुई है और उनका एक बेटा है, जिसका नाम समीर कुरैशी है.
व्योमिका सिंह परिचय


विंग कमांडर व्योमिका सिंह भारतीय वायुसेना में हेलीकॉप्टर पायलट हैं। वह कर्नल सोफिया कुरैशी के साथ ऑपरेशन सिंदूर पर मीडिया ब्रीफिंग का हिस्सा थीं। ऑपरेशन सिंदूर 7 मई, 2025 की सुबह को अंजाम दिया गया था । यह पहलगाम में हाल ही में हुए हमले के जवाब में एक सुनियोजित और लक्षित हमला था।

विंग कमांडर व्योमिका सिंह की आसमान में उड़ान बचपन की महत्वाकांक्षा से शुरू हुई। अपने नाम-व्योमिका, जिसका अर्थ है “आसमान में रहने वाली” से प्रभावित होकर, वह छठी कक्षा की छोटी सी उम्र से ही पायलट बनना चाहती थी। अपनी रुचि को आगे बढ़ाने के लिए उन्होंने नेशनल कैडेट कोर (एनसीसी) में दाखिला लिया और उसके बाद इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की, जिससे वह अपने परिवार में सशस्त्र बलों का हिस्सा बनने वाली पहली महिला बन गईं। उनकी इंजीनियरिंग शैक्षणिक पृष्ठभूमि उनके विमानन करियर के लिए एक अच्छा आधार थी।

 

 

भारतीय वायु सेना में हेलीकॉप्टर पायलट के रूप में कमीशन प्राप्त, व्योमिका सिंह को 18 दिसंबर, 2019 को उड़ान शाखा में स्थायी कमीशन प्रदान किया गया। अपने करियर के दौरान, उन्होंने 2,500 घंटे से अधिक उड़ान का समय अर्जित किया है, जिसमें उन्होंने भारत के कुछ सबसे कठिन इलाकों में चेतक और चीता हेलीकॉप्टर उड़ाए हैं, जैसे कि जम्मू और कश्मीर और पूर्वोत्तर में उच्च ऊंचाई वाली उड़ानें।

उन्होंने कई बचाव और राहत अभियानों की कमान संभाली है, जिसमें नवंबर 2020 में अरुणाचल प्रदेश में एक खतरनाक मिशन भी शामिल है, जहाँ कठिन मौसम की स्थिति में उड़ान और नेतृत्व कौशल लोगों की जान बचाने में सर्वोपरि थे। 2021 में, वह माउंट मणिरंग (21,650 फीट) पर तीनों सेनाओं के सभी महिला पर्वतारोहण अभियान का हिस्सा थीं, जो सर्वोच्च रक्षा अधिकारियों द्वारा स्वीकार की गई एक उपलब्धि थी।

 

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