सिद्धचक्र महामंडल विधान के द्वितीय दिवस छोटे-छोटे बच्चों ने किया अभिषेक एवं शांति धारा एवं महामंडल विधान में 16 अर्घ्य समर्पित किए गए

धर्म

सिद्धचक्र महामंडल विधान के द्वितीय दिवस छोटे-छोटे बच्चों ने किया अभिषेक एवं शांति धारा एवं महामंडल विधान में 16 अर्घ्य समर्पित किए गए
रामगंजमंडी
मंगलवार की बेला मंगलमय हो गई मंगलमय क्षणों में प्रातः बेला में प्रतिष्ठाचार्य श्री जय कुमार जैन निशांत, सह प्रतिष्ठाचार्य संतोष जैन, प्रशांत जैन आचार्य के निर्देशन में श्री शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर प्रांगण में सिद्ध चक्र महामंडल विधान के अंतर्गत श्री जी का अभिषेक एवं शांति धारा भक्ति भाव से की गई अवकाश होने से बच्चों में अभिषेक पूजन के लिए अच्छा उत्साह नजर आया।

 

 

दो पाण्डुक शिला पर श्री जी को भक्ति भाव के साथ विराजमान किया गया उसके बाद अभिषेक एवं शांति धारा की गई भक्ति उल्लास से परिपूर्ण होकर सभी भक्ति से झूम रहे थे एवं अभिषेक कर रहे थे श्री राम कुमार जैन एंड पार्टी द्वारा अपने भजनों द्वारा अमृत से गगरी भरो जैसे भजनों के वातावरण को भक्ति से ओत प्रोत कर दिया संपूर्ण वातावरण भक्तिमय हो गया। महामंडल विधान के द्वितीय दिवस सिद्ध चक्र महामंडल विधान के 16 अर्घ्य समर्पित किए गए।
सोमवार को संध्या बेला में जब मंगल आरती हो रही थी तब हर कोई भक्ति से मगन दिखाई दे रहा था और राम कुमार जैन द्वारा भजनों पर सभी भक्त भक्ति नृत्य करते नजर आ रहे थे। मंगल आरती उपरांत महामंडल विधान आयोजन कर्ता श्रीमान दिलीप कुमार, कमल कुमार,अरुण कुमार, संजय कुमार विनायका परिवार रामगंजमंडी द्वारा झिलमिल दीपकों के प्रकाश करते हुए भक्ति नृत्य के साथ पधारे हुए सभी अतिथियों का स्वागत किया एवं इस भक्ति के आयोजन में धर्म लाभ लेने की अपील की एवं सभी का धन्यवाद किया।
विनायका परिवार की ओर से श्रीमान दिलीप कुमार विनायका ने कहां की महामंडल विधान को एक परिवार पूरा नहीं कर सकता इसमें सभी के सहयोग और समाज के सहयोग की आवश्यकता है उन्होंने कहा कि इस आयोजन में हमें पंडित श्री जयकुमार निशांत भैया का निर्देशन एवं श्री रामकुमार जैन भैया के संगीत का भरपूर आनंद मिल रहा है और भक्ति आराधना हो रही है। आप सभी का धन्यवाद और सभी धार्मिक आयोजन में आप बढ़ चढ़कर भाग ले।

 

इस अवसर पर पंडित श्री जयकुमार जैन निशांत भया ने संस्कारों पर प्रकाश डाला एवं आज की शिक्षा पद्धति पर भी कुठाराघात किया उन्होंने कहा है कि मैकाले शिक्षा पद्धति के द्वारा आज संस्कार धूमिल हो रहे हैं। शिक्षा पद्धति आने से गुरुकुल शिक्षा पद्धति खत्म हो गई है एवं धर्म का लोप सा हो गया आज बच्चे मंदिर नहीं आ पा रहे हैं हमने बच्चों को पैसा कमाने की मशीन बना दिया है।

सुबह 7:00 बच्चों को स्कूल जाने के लिए माता-पिता तैयार करते हैं तो उन्हें अभिषेक करने कब भेजेंगे और बच्चा 2:00 बजे स्कूल से आता है और सो जाता है। गुरुकुल शिक्षा पद्धति में संस्कारों को सिखाया जाता था लेकिन आज केवल किताबी ज्ञान रह गया है।

 

उन्होंने कहा कि धन से धर्म नहीं नहीं हो सकता धर्म तो धर्म से ही होगा।

 

 

जीवन में धर्म को जागृत करने की बात कही। बेला में संतोष भैया एवं रामकुमार जैन द्वारा भजन भी सुनाए गए।
अभिषेक जैन लुहाड़िया रामगंजमंडी 9929747312

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