कोई किसी के कर्म कुछ नहीं करता है यह ऑटोमेटिक व्यवस्था है। कर्म का उदय में आना, सत्ता में रहना यह सब स्वयं ही होता है। पूर्णमति माताजी
ग्वालियर
साक्षी एंक्लेव में मंगल प्रवचन देते हुए आर्यिका 105 पूर्णमती माताजी ने कर्म सिद्धांत को समझाया।
माताजी ने कहा की ये संसार को कर्म चला रहे हैं, सबकी अपनी कर्म व्यवस्था है। अपना अपना खाता है, कोई किसी के कर्म कुछ नहीं करता है। यह ऑटोमेटिक व्यवस्था है। कर्म का बंध होना, कर्म का उदय में आना, सत्ता में रहना यह सब स्वयं ही होता है। जैसे भाव होते हैं वैसे उस तरह का कर्म बंध होता है।
नगर में पहली बार विद्याधाम परिसर मे समवशरण विधान के अंतर्गत दोपहर की बेला में ध्वजारोहण के के साथ पूजन पाठ किया गया। यह महामंडल विधान प्रतिष्टाचार्य नितिन भैया खुरई के निर्देशन में हो रहा है। महामंडल विधान के पुण्यार्जक डॉ
अमित जैन, डॉ कविता जैन, प्रेमचंद जैन मुरैना के कर कमलों से ध्वजारोहण संपन्न हुआ।
संकलन अभिषेक जैन लुहाड़िया रामगंजमंडी 9929747312