देश में बुंदेलखंड की पहचान सबसे अलग है सुधासागर महाराज
सागर/
देश में हर प्रांत की भोजन की थाली अलग-अलग है। मंदिर अलग है। मंदिरों में पूजा पाठ, मंदिर में अभिषेक की विधि अलग अलग है लेकिन बुन्देलखण्ड के हर मंदिर में चले जाना है मंदिर होंगे पूजन की थाली और अभिषेक का लोटा एक होगा और इसी अखंडता को देखकर गुरुदेव बुंदेलखंड में जम गए थे।
यह बात निर्यापक मुनि श्री सुधा सागर महाराज कटरा बाजार मे धर्म सभा में कहीं उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड में महिलाओं को अभिषेक करने ना मिला है ना मिलेगा। इस बात का ध्यान रखना। उन्होंने कहा कि जहां पंडित ज्यादा हो वहां अंधेरा रहता है वह धर्म को जानता है धर्मात्मा को नहीं जानता है उजाला धर्म से नहीं धर्मात्मा से होता है। वह पत्थर कितना भाग्यवान है जो भगवान श्रीराम के हाथ में आया है लेकिन इसका कितना दुर्भाग्य है
भगवान के हाथ से छूटेगा वो डूबेंगा इसको डूबना नहीं चाहिए। उन्होंने हर पत्थर के हृदय पर राम का नाम लिखा है। और वह पत्थर राम के भक्त हनुमान समुद्र में फेंक रहे है तो डूब नहीं रहा यह चमत्कार भगवान में नहीं भक्त में है। इसलिए पत्थर तैर रहा है।
मुनिश्री ने कहा हम चमत्कार के पीछे दौड़ते हैं लेकिन चमत्कार तुम्हारी कड़कड़ में है। समुद्र के मंथन में जो रत्न निकले थे वह सभी ने ले लिये एक जहर भी निकला था और वह महादेव के हिस्से में गया था लेकिन जब उन्होंने जहर पिया वह कंठ के नीचे नहीं गया तभी से उन्हें नीलकंठ कहा जाता है। मुनिश्री ने कहा विश्वास हमें डॉक्टर पर है दवाई पर नहीं।
डॉक्टर यदि हमें जहर भी देगा हम सोचकर खा लेंगे जब ठीक हो जाए। लेकिन जान बूझकर हम यह नहीं खा सकते। आज के इस काल में व्यक्ति का विरोध ज्यादा रहा है क्योंकि सत्य कोई सुनता नहीं है। सम्यक दृष्टि जीव का लक्ष्य मोक्ष मार्ग है। आज व्यापार करते करते। चौबीस घंटे कमाई पाप की ज्यादा कर पुण्य का काम करते हैं आप लोग ।
संकलित जानकारी के साथ अभिषेक जैन लुहाड़िया रामगंजमंडी की रिपोर्ट 9929447312