राग इतना हानिकारक नहीं जितना कि क्रोध मान माया लोभ यह चार कषाय हानिकारक कारक है। नियम सागर महाराज

राग इतना हानिकारक नहीं जितना कि क्रोध मान माया लोभ यह चार कषाय हानिकारक कारक है। नियम सागर महाराज विदिशा संसार की बातें तो दिन भर चलती रहती है,कौन आया कौन गया सबसे अधिक समय हमारा विषय कषाय की बातों में तथा पाप की क्रियाओं में ही जाता है उपरोक्त उदगार निर्यापक श्रमण नियमसागर जी […]

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