हमारे हृदय में आचार्य श्री विद्यमान है, पिता तुल्य आचार्य श्री समय सागर हैं, आचार्य श्री की छवि उनके अंदर है विमल सागर महाराज

धर्म

हमारे हृदय में आचार्य श्री विद्यमान है, पिता तुल्य आचार्य श्री समय सागर हैं, आचार्य श्री की छवि उनके अंदर है विमल सागर महाराज
बांसांतखेड़ा
श्री पारसनाथ दिगंबर जैन मंदिर में पूज्य मुनिश्री विमल सागर महाराज संघ सानिध्य में सिद्ध चक्र महामंडल विधान का आयोजन किया जा रहा है।

 

मंगलवार की अनुपम बेला में पूज्य मुनि श्री विमल सागर महाराज, पूज्य मुनि श्री अनंत सागर महाराज, पूज्य मुनि श्री धर्म सागर महाराज का 26वा मुनि दीक्षा महोत्सव मनाया गया। इस क्रम में पूज्य आचार्य श्री का पूजन किया गया, पूजन उपरांत शास्त्र भेंट,चित्र अनावरण,दीप प्रज्वलन किया गया।

 

 

 

 

इन मांगलिक पलों में पूज्य मुनि श्री विमल सागर महाराज ने कहा कि जहां भक्तों की भक्ति हो, प्रभु की शक्ति हो, वहा साधु रुक जाते हैं। आज के दिन गुरुदेव की कृपा हुई थी, वे मुकमाटी प्रणेता है, आचार्य श्री के विषय में बोलते हुए महाराज श्री ने कहा कि आचार्य श्री विद्यासागर महाराज ने ब्रह्मचर्य व्रत का अच्छे से पालन किया। यदि एक बार मूकमाटी आत्मसात कर लोगे तो मुक्ति मिल जाएगी। उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति ने 24 घंटे में मूक माटी पढ़ी और उच्चारिता पुस्तक लिखी, जो दुखों को जितना सहन करता है, वो मुनिचर्या का पालन कर पाता है। आचार्य श्री निद्रा जीतने वाले थे, सभी जीव सुखी रहे, ऐसी भावना भाते है साधु।

 

 

उन्होंने कहा आचार्य श्री विद्यासागर महाराज ने कहा था कि जिस दिन यह घोषणा हो जाएगी की गौ हत्या पर रोक लग गई है हम रात्रि में भी आशीर्वाद देंगे। हमारे हृदय में आचार्य श्री विद्यमान है, पिता तुल्य आचार्य श्री समयसागर हैं, आचार्य श्री की छवि उनके अंदर है।

जो गुरु ने दिया वह हमेशा याद रहेगा अनंत सागर महाराज
इस अवसर पर पूज्य मुनि श्री अनंत सागर महाराज ने भी गुरु के प्रति भाव प्रकट करते हुए कहा कि गुरुओं के द्वारा जो कार्य किया जाता है उसको भुलाया नहीं जा सकता, आचार्य श्री के द्वारा जो उपकार किया गया था वह प्रशंसनीय है। आचार्य श्री कठिनचर्या के पालक थे, गुरुदेव कहते थे पल-पल प्रसन्न रहना चाहिए। जो गुरु ने दिया है वह हमेशा याद रहेगा। इस अवसर पर पूज्य मुनि श्री भावसागर महाराज ने भी अपने भाव प्रकट करते हुए कहा कि मुनिराजो ने उपवास की कठिन साधना की है। मुनि दीक्षा दिवस पर यही भावना है कि इस तिथि में दीक्षित सभी साधु स्वस्थ रहें, जिन शासन की प्रभावना करते रहे। उन्होंने कहा कि बूढ़ा इंसान धरती का सबसे बड़ा शिक्षालय होता है।

 

संकलन अभिषेक जैन लुहाड़िया रामगंजमंडी 9929747312

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